योगी सरकार में मंत्री दिनेश खटीक ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में हस्तिनापुर को लेकर दिए गए बयान पर सफाई दी है. उन्होंने अपनी कही बात का ठीकरा मीडिया के सिर फोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि “मैने श्रापित नहीं कहा, पौराणिक कहानियों में हस्तिनापुर श्रापित है. हस्तिनापुर पर हुए पाप के संबध में मैने उसे श्रापित कहा था. हस्तिनापुर मेरी कर्मभूमि है, मैनें इसकी निस्वार्थ सेवा की और करता रहूंगा”.
मंत्री ने अपनी कही हुई बात को लेकर लंबा चौड़ा पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा कि ‘हस्तिनापुर की पावन धरती मेरे लिए सदैव पूजनीय रही है. कल मेरठ के ग्राम पांची स्थित एमएस हेरिटेज स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा महाभारत काल में हस्तिनापुर के राजदरबार में हुए द्रोपदी चीरहरण का जो मंचन प्रस्तुत किया गया, वह अत्यंत मार्मिक था. हस्तिनापुर की धरती पर द्रोपदी का चीरहरण महिला अत्याचार की सबसे वीभत्स घटना थी, जो महाभारत का कारण बनी. जब दुशासन द्वारा द्रोपदी का चीरहरण किया जा रहा था, तो उस समय सभा में मौन रहने वालों को द्रोपदी ने श्राप दिया था, इसी कारण पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हस्तिनापुर को श्रापित भूमि माना जाता रहा है’.
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मंत्री ने आगे लिखा कि ‘बच्चों द्वारा मंचन के पश्चात मैंने उसी चीरहरण की वीभत्स घटना का जिक्र करते हुए हस्तिनापुर की धरती पर हुए पाप के संदर्भ में यहां की जमीन को श्रापित कहा था. मेरे द्वारा कही गई कुछ बातों को मीडिया में संदर्भ से अलग और गलत रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जो सत्य नहीं है. हस्तिनापुर मेरी कर्मभूमि है. मेरा संकल्प सदैव हस्तिनापुर के लोगों की निस्वार्थ सेवा करना रहा है और आगे भी रहेगा. इस भूमि और यहां की जनता के प्रति मेरी निष्ठा अटूट है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सशक्त नेतृत्व में हस्तिनापुर की जनता ने यहां के राजनीतिक इतिहास में नया अध्याय रचते हुए प्रदेश में दूसरी बार प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई. इसी ऐतिहासिक जनादेश का परिणाम है कि आज हस्तिनापुर निरंतर विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.’
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