रायपुर. भूपेश बघेल मंत्रिमंडल के सदस्य राजस्व मंत्री और कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल का गुस्सा अभी भी कोरबा के कलेक्टर रहे पी दयानंद को लेकर शांत नहीं हुआ है. जयसिंह अग्रवाल ने पी दयानंद को अपने टारगेट में रखते की बात कहते हुए उनकी गड़बड़ियों की जांच कराकर दोषी पाए जाने पर कार्रवाई किए जाने की बात कही है.
मंत्री बनने के बाद कोरबा में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने तत्कालीन कलेक्टर पी दयानंद को भ्रष्ट कलेक्टर बताते हुए कहा कि उन्होने अपने कार्यकाल में मनमानी की. पत्रकार के सवाल पर विधायक ने कहा कि वे (पी दयानंद) आज भी मेरे टारगेट में हैं. उन्होने जो भी घपला किया है, उसकी जांच कराउंगा. और दोषी पाए जाने पर उनको उसकी सजा भी मिलेगी.
दरअसल, विधायक जयसिंह अग्रवाल और आईएएस पी दयानंद के बीच का विवाद पुराना है, जब पी दयानंद कोरबा में 12 अगस्त 2015 से 30 मई 2017 तक कलेक्टर रहे. कोरबा के ग्राम चुइया में आदिवासी की जमीन खरीदने को लेकर विधायक जयसिंह अग्रवाल और चार अन्य के खिलाफ एडीशनल सेशन कोर्ट कोरबा ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिया था, जिसके बाद कोरबा के अजाक थाने में विधायक सहित 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था. इस मामले में पूर्व में एक शिकायत पर कोरबा के तत्कालीन कलेक्टर पी दयानंद ने विधायक जयसिंह अग्रवाल की जमीन को आदिवासी किसान की जमीन पाए जाने पर निरस्तीकरण का आदेश जारी किया था. जिसके खिलाफ विधायक जयसिंह अग्रवाल ने राजस्व मंडल से स्थगन प्राप्त कर लिया था.
मामले की स्थिति जो हो, लेकिन कलेक्टर पी दयानंद की कार्रवाई को आज तक विधायक से मंत्री बने जयसिंह अग्रवाल नहीं भूल पाए हैं. और यही गुस्सा मंत्री बनने के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सामने निकलकर आ गया.