सरगुजा। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोलते हुए उसकी तुलना नक्सलियों से कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नक्सलवाद की समर्थक रही है और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा नक्सलवाद को खत्म करने की तय डेडलाइन से कांग्रेसी बौखला गए हैं।


दरअसल, मैनपाट में चल रहे भाजपा के विशेष प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन मंत्री केदार कश्यप ने मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया।उन्होंने पाने बयान में कहा कि अमित शाह देश के गृह और सहकारिता मंत्री हैं और कांग्रेस पार्टी, जो वर्षों से हमारे छत्तीसगढ़ को उपेक्षित करके रखे हुए थी, नक्सलवादियों के समर्थन में खड़ी दिखाई देती है। इसके कारण आज जब नक्सलवाद खात्मे की स्थिति में है, तो गृहमंत्री द्वारा दी गई डेडलाइन को देखकर वे बौखलाए हुए हैं। जिस तरह से नक्सली बौखला रहे हैं, उसी तरह कांग्रेसियों की भाषा में भी बौखलाहट साफ दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि जो लोग नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का खात्मा हो, वे लोग कहीं न कहीं अपनी खीज इस तरीके से जनता के बीच प्रस्तुत करते हैं।
खरगे के बयान पर पलटवार
इसके साथ ही मल्लिकार्जुन खरगे के जल-जंगल-जमीन वाले बयान पर मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि खरगे की जब जमीर ही नहीं बची तो जमीन कहां से याद रहेगा। खरगे की आस्था केवल गांधी परिवार में है। कांग्रेस की जमीन खिसक चुकी है।
केदार कश्यप के बयान पर धनेंद्र साहू ने किया पलटवार
कांग्रेस वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू ने केदार कश्यप के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ये भूल जाते हैं 15 साल इनकी सरकार थी। 15 साल डॉ. रमन सिंह की सरकार में ही सर्वाधिक नक्सलियों का विस्तार हुआ। सिर्फ़ बस्तर तक सीमित नक्सली दूसरे ज़िलों और इलाकों में सक्रिय हो गए, बड़ी-बड़ी घटनाएं हुईं। जबकि हमारी सरकार में नक्सली बैकफुट पर आए और बस्तर का विकास हुआ, नए नक्सली बनने में कमी आई। आज ये उसका श्रेय ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में इन्होंने (केंद्र की भाजपा सरकार) पर्याप्त फोर्स नहीं दिया, देते तो हम भी सफल होते। ये अपनी गलती छुपाना बंद करें और सच्चाई स्वीकार करें। इस तरह कब तक दोषारोपण करते रहेंगे?
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