राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी में सांसद-विधायकों को स्थान नहीं मिलेगा! भाजपा ने कार्यकारिणी गठन को लेकर फॉर्मूला तैयार किया है। बताया जा रहा है कि वर्तमान मंत्री, सांसद, विधायक भी कार्यकारिणी से बाहर होंगे। अभी सात सांसद और एक कैबिनेट समेत छह विधायक पदाधिकारी हैं। वहीं 14 प्रदेश उपाध्यक्ष, पांच महामंत्री और 13 प्रदेश मंत्री है।

एमपी में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर प्लान बनाया है। इसके तहत सांसद और विधायकों को जगह नहीं मिलेगी। नए लोगों को एडजस्ट किया जाएगा। बताया जा रहा है कि पितृपक्ष के बाद प्रदेश कार्यकारिणी का ऐलान हो जाएगा।

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अभी ये जनप्रतिनिधि हैं पदाधिकारी

  • प्रदेश उपाध्यक्ष- मुरैना सांसद संध्या राय, राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीक, भोपाल सांसद आलोक शर्मा, अनुसूचित जाति मंत्री नागर सिंह चौहान और आलोट विधायक चिंतामण मालवीय शामिल है।
  • प्रदेश महामंत्री- राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, जतारा विधायक हरिशंकर खटीक और भोपाल पश्चिम विभाग भगवान दास सबनानी हैं।
  • प्रदेश मंत्री- सागर सांसद लता वानखेड़े, जबलपुर सांसद आशीष दुबे, और जयसिंह नगर विधायक मनीषा सिंह हैं।
  • संयुक्त कोषाध्यक्ष- उज्जैन उत्तर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा हैं।

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वहीं 7 मोर्चा संगठनों में से 3 की कमान सांसद, एक मंत्री के पास है। राज्यसभा सांसद नारोलिया, महिला मोर्चा की अध्यक्ष है, सांसद दर्शन चौधरी किसान मोर्चा के अध्यक्ष है और एक कैबिनेट मंत्री ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष हैं। इधर, प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने बताया कि कार्यकारिणी का गठन प्रदेश अध्यक्ष का विशेष अधिकार है। केंद्र के निर्देश और सबके समन्वय से कार्यकारिणी का गठन करते हैं। किस कार्यकर्ता को स्थान मिलेगा किसे नहीं, यह समन्वय से तय होगा।

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