महाराष्ट्र में बीजेपी के विधायक सदाभाऊ खोत ने कथित गौ-रक्षकों के उत्पीड़न का दावा करते हुए कहा कि इससे किसान परेशान हैं. यदि इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन करेंगे. खोत के बयानों को लेकर बीजेपी के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने आपत्ति जताई है. उन्होंने बयानों में संयम रखने की अपील की है.
विधान परिषद सदस्य खोत ने दावा किया, ”सोमवार दोपहर पुणे के फुरसुंगी में दौरे के दौरान कुछ गौ-रक्षकों ने उन्हें परेशान किया, हालांकि वे सुरक्षित बच निकले. गौ-रक्षक उगाही करने वाले हैं और किसानों को धमका रहे हैं. वे इस मुद्दे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने उठाएंगे.”
सदाभाऊ खोत ने किसानों की कहानी सुनाई
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, ”दो महीने पहले कुछ किसानों की भैंसें जबरन ले जाई गईं और बाद में वे फुरसुंगी की गोशाला से लापता हो गईं. किसानों को अपने पशुओं को छुड़ाने के लिए अदालत जाना पड़ा, लेकिन जब वे गोशाला पहुंचे तो जानवर गायब थे. गौ-रक्षकों ने टालमटोल जवाब दिए और कहा कि भैंसें चरते-चरते पहाड़ियों में चली गईं. ऐसे मामलों में किसानों को न तो न्याय मिलता है और न ही उनकी समस्याओं का समाधान होता है.”
खोत ने आगे दावा किया, ”मुंबई और पुणे से कुछ लोग लग्ज़री गाड़ियों में आते हैं और गौ-रक्षा के नाम पर काम करते हैं. शहरों में, जहां लोग शायद ही कभी गाय देखते हैं, वहीं ये तथाकथित गौ-रक्षक उनकी रक्षा का दावा करते हैं. किसानों की गाड़ियां रोकी जाती हैं, उन्हें पीटा जाता है और उनके पशु छीन लिए जाते हैं. यह सब बंद होना चाहिए.”
रायत क्रांती संगठन के प्रमुख हैं खोत
उन्होंने कहा, “यदि किसान उन्हें रिश्वत नहीं देते, तो वे उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाते हैं. अगर कोई समाधान नहीं निकलता, तो मवेशियों को किसी गोशाला में भेज दिया जाता है और किसान के पास अदालत जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता. जब तक अदालत से मवेशी छुड़ाने का आदेश आता है, तब तक गोशाला प्रबंधक पशुओं को बेच देते हैं.”
किसानों के रायत क्रांती संगठन के प्रमुख खोत ने कहा, “गौ-रक्षा के नाम पर राज्य में एक बड़ा लॉबी काम कर रही है. इनके कॉर्पोरेट ऑफिस तक हैं. किसान इनके कारण परेशान हो रहे हैं. अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो हम पुलिस स्टेशनों के सामने मवेशी छावनियां डालेंगे.”
नितेश राणे ने क्या कहा?
सदाभाऊ खोत के बयान पर आपत्ति जताते हुए नितेश राणे ने कहा, “सदाभाऊ खोत को गौ-रक्षकों के खिलाफ बोलते समय अपनी भाषा में संयम रखना चाहिए क्योंकि वे गायों की रक्षा का काम कर रहे हैं. उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिन्हें हिंदू समाज का अपमान समझा जाए.”
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