रायपुर। चैतन्य बघेल के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने आज प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी की. इस कदम पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस शासनकाल के दौरान लिए गए निर्णयों पर पांच सवाल कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

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वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने एक्स पर किए अपने पोस्ट के माध्यम से कांग्रेस से सवाल किया कि क्या भूपेश बघेल के शासनकाल में 16 अक्टूबर 2019 को जनसुनवाई नहीं कराई गई थी? क्या 31 मार्च 2021 को गारे पेलमा सेक्टर-2 के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति की सिफारिश तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने नहीं की थी? क्या 19 अप्रैल 2022 को, कांग्रेस के भूपेश बघेल की सरकार रहते हुए फॉरेस्ट क्लीयरेंस (स्टेज वन) की स्वीकृति की सिफारिश नहीं की गई थी?

चौथा सवाल कि क्या 23 जनवरी 2023 को, ‘फॉरेस्ट क्लीयरेंस’ (स्टेज 2) की सिफारिश भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार रहते हुए नहीं की गई थी? और अंतिम सवाल कि क्या महाराष्ट्र में MAHAGENCO महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी के द्वारा अडानी ग्रुप को एमडीओ बनाया गया था तब उस समय कांग्रेस के समर्थन वाली सरकार वहां नहीं थी?