सत्यपाल राजपूत, रायपुर. प्राइवेट स्कूलों में दूसरे प्रकाशन की पुस्तक खरीदने का दबाव बनाने की बात को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने इस पर नाराजगी जताई है. उन्होंने लल्लूराम डॉट कॉम से बात करते हुए सीधे तौर पर प्राइवेट स्कूलों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि प्राइवेट स्कूल यदि दूसरे प्रकाशन की पुस्तक ख़रीदने के लिए पालकों को बाध्य करते हैं या परेशान करते हैं तो उन स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

मंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा है जब विभाग सभी विद्यार्थियों के लिए पुस्तक दे रहा है तो दूसरे प्रकाशन के पुस्तक की आवश्यकता नहीं है. इसके लिए कोई अगर परेशान करते हैं तो शिक्षा विभाग में शिकायत करें. विभाग जांच करके कार्रवाई करेगा.

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स्कूलों की बताई दुकान से खरीदने का दबाव

बता दें कि प्रदेश भर में पुस्तक खरीदी को लेकर लगातार शिकायत मिल रही थी कि निजी स्कूलों के द्वारा बताए दुकानों से 5 हजार तक की पुस्तकें खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है. इसलिए शिक्षा विभाग ने अब प्राइवेट सेक्टर में भी नि:शुल्क पुस्तक वितरण के लिए आदेश जारी करते हुए निजी स्कूलों को चेतावनी दी है.

स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

बता दें कि, पुस्तक वितरण को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने 6 बिंदुओं पर आदेश जारी किया है. जो निजी स्कूलों के पालकों के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि लगभग सभी प्राइवेट स्कूल अपने ढंग से पुस्तक प्रकाशित कर एक-एक पुस्तक एक हजार से पांच हजार तक बेची जाती हैं. अशासकीय गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों की मांग पर छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा सीधे डिपो से वितरित की जाएगी. जो विद्यालय छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की पुस्तकें नि:शुल्क प्राप्त करेंगे उन्हें अपने स्कूल के सभी कक्षाओं में केवल छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की पुस्तक का उपयोग करना होगा. वे निजी प्रकाशकों की पुस्तकों का उपयोग नहीं करेंगे.