रायपुर। छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव को लेकर पार्षदों द्वारा सीधे महापौर और अध्यक्ष चुने जाने की चर्चा जोरों पर है. इसी बीच कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने को लेकर समिति के सदस्यों से चर्चा कर कल रिपोर्ट सौंपेंगे. बड़ी संख्या में दावेदारों को लेकर कहा कि आने वाली पीढ़ी को राजनीति में पदार्पण के लिए अवसर मिलेगा. नए नेतृत्व के रास्ते खोलने की संभावना पर यह चुनाव होने जा रहा है. नए लोग आएंगे बेहतर नेतृत्व उभरेगा.

नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने को लेकर डर के सवाल पर कहा कि छत्तीसगढ़ में डर जैसी कोई बात कांग्रेस के लिए नहीं है. दंतेवाड़ा की जनता ने पहले ही सरकार की योजनाओं और कार्यों पर मुहर लगाया है. चित्रकोट की जनता भी मुहर लगाने जा रही है. बहुत सकारात्मक माहौल प्रदेश में बना हुआ है. इसलिए डर जैसी कोई बात नहीं है. मुख्यमंत्री की इच्छा है कि सकारात्मक माहौल बने और समन्वय के साथ विकास हो इस वजह से इस प्रणाली पर विचार किया जा रहा है.

किसानों के बारे में बोलने का नैतिक अधिकार नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के पंडरिया में किसानों के आंदोलन पर कहा कि डॉ. रमन सिंह को किसानों के बारे में बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है. छत्तीसगढ़ के सारे किसान उनको नकार चुके हैं. जहां तक गन्ना किसानों की बात है पहली बार केंद्र सरकार से भी ज्यादा सपोर्ट प्राइस पर खरीदी करने का निर्णय लिया गया है. हम लोग 350 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना किसानों को प्रति क्विंटल देने की ओर बढ़ रहे हैं. सरकार ने जो निर्णय लिया है. बजट में जो प्रावधान किया गया उसकी उसकी पूर्ति की जाएगी. डॉ. रमन सिंह को इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

बीजेपी का अंदरूनी मामला

डाॅ. रमन सिंह को चुनाव प्रचार में नहीं बुलाए जाने पर कहा कि उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है. किसकी कहां जरूरत है यह उनका अंदरूनी मामला है. यह डॉक्टर रमन सिंह के लिए आत्म चिंतन और आत्म अवलोकन का अवसर आ गया यह मैं महसूस करता हूं.

चावल घोटाला है पार्टी के नेतृत्व की दूरियां

सारे देश में उनको चावल वाले बाबा के नाम से प्रचारित किया गया, लेकिन उन्हीं के प्रदेश में 36000 करोड़ का चावल का ही घोटाला हो गया. इसलिए जनता ने उनको नकार दिया और इसीलिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में भी उनसे दूरियां बनाना शुरू कर दिया है. उनकी पार्टी ने जो नकारा साबित हो गया उसका और क्यों उपयोग किया जाए इस सोच से उन्हें चुनाव प्रचार में नहीं बुलाया है.