दिल्ली. गुजरात में ऐसा लगता है कि भाजपा की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बमुश्किल गुजरात का किला फतह करने वाली भाजपा जीत के बाद भी राज्य में सुकून से नहीं बैठ पा रही है. पार्टी में एक के बाद एक नेताओं के असंतोष को देखकर तो ऐसा ही लगता है.

अभी गुजरात भाजपा के कद्दावर नेता और मंत्री नितिन पटेल का गुस्सा बमुश्किल शांत ही हुआ था कि भाजपा के एक और मंत्री ने पार्टी के लिए सरदर्द पैदा कर दिया है. गौरतलब है कि नितिन पटेल के असंतोष को दूर करने के लिए खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दखल देना पड़ा था. अभी नितिन पटेल के गुस्से का बवंडर शांत भी नहीं हुआ था कि पार्टी के एक औऱ मंत्री ने अपना असंतोष खुलेआम जाहिर कर दिया है.

गुजरात की ताकतवर कोली समुदाय से आने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता पुरुषोत्तम सोलंकी ने अब अपने गुस्से का इजहार किया है. गौरतलब है कि राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में कोली समुदाय का वर्चस्व है. सौराष्ट्र में कोली समुदाय की आबादी करीब 26 फीसदी है. सोलंकी इस बिरादरी के मजबूत नेता हैं. सोलंकी ने खुलेआम अपने असंतोष का इजहार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विजय रूपानी को उन्हें और अच्छा विभाग देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि लगातार पांच चुनाव जीतने के बाद उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का पद दिया जाना चाहिए था लेकिन पार्टी ने उनके साथ न्याय नहीं किया है. उन्होंने कहा कि हम अगले तीन दिन के भीतर इस बारे में कोई फैसला लेंगे. अपने असंतोष का इजहार करते हुए उन्होंने कहा कि मैं किसी पद की डिमांड नहीं कर रहा हूं लेकिन मेरा समाज ऐसा चाहता है कि मैं उनका अकेला प्रतिनिधि हूं तो मुझे मंत्रिमंडल में सम्मानजनक पद दिया जाना चाहिए.

गुस्साए सोलंकी ने खुलेआम कहा कि मुख्यमंत्री खुद 12 पोर्टफोलियो संभाले हुए हैं. कुछ मंत्री तो ऐसे हैं जो पहली बार ही मंत्री बने और उनको चार-पांच अच्छे पोर्टफोलियो दे दिए गए जबकि मुझे सिर्फ एक ही मंत्रालय सौंपा गया वो भी महत्वहीन. गौरतलब है कि सोलंकी मत्स्य पालन राज्य मंत्री हैं. वह भावनगर ग्रामीण सीट से लगातार पांचवी बार विधायक हैं. सोलंकी के गुस्से के खुलेआम ऐलान के बाद पार्टी नेतृत्व हरकत में आ गया है. पार्टी ने सीनियर नेता व मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडास्मा को सोलंकी को मनाने की कोशिशों में लगा दिया है. चुडास्मा ने नितिन पटेल को मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. खास बात ये है कि जब सोलंकी को मनाने चुडास्मा पहुंचे तो उन्होंने साफ कहा कि मुझे सिर्फ एक महत्वहीन विभाग दे दिया गया है जो कि मेरी बिरादरी के साथ न्याय नहीं है जबकि मंत्रिमंडल में उनका प्रतिनिधित्व करने वाला सिर्फ मैं अकेला आदमी हूं. मेरी बिरादरी के लोगों की सरकार से ज्यादा अपेक्षाएं हैं औऱ मुझे ज्यादा बड़े और महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए जाने चाहिए.