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लखनऊ. विधानसभा में प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने मंगलवार को विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के विधायक को शिक्षामित्रों से माफी मांगनी चाहिए. मंत्री ने आरोप लगाया कि शिक्षामित्रों का अपमान सपा की पुरानी फितरत है. उन्होंने बताया कि पहले परिषदीय विद्यालयों में सुविधाओं का घोर अभाव था, लेकिन अब सरकार शिक्षामित्रों के लिए पूरी सजगता से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय 10,000 रुपये कर दिया गया है और सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.
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हालांकि इस बीच उन्होंने सपा की ओर से पूछे गए वेतन के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश के शिक्षामित्र का मानदेय नहीं बढ़ाया जाएगा. बल्कि अगले शिक्षा सत्र में हर शिक्षामित्र को उसकी मर्जी का तबादला मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि साल 2017 में जब भाजपा की सरकार आई तब शिक्षामित्र का मानदेय साढ़े तीन हजार रुपये था. इसको हमने अपने 8 साल के कार्यकाल में बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया है. अभी फिलहाल इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं होने वाली है.
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फिलहाल कोई प्लान नहीं- मंत्री
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि ‘सरकार शिक्षामित्रों की स्थिति को लेकर पूरी तरह से काम कर रही है. हम मानदेय नहीं बढ़ा रहे लेकिन शिक्षामित्र को उनकी पसंद का तबादला देंगे. ताकि उनको भागदौड़ ना करनी पड़े. उनका मानदेय बढ़ाने का हमारा कोई प्लान अभी तक नहीं है.’
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