Himachal Result 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Pradesh Assembly Election 2022) के नतीजे कुछ ही देर में आ जाएंगे. मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती जारी है. वहीं बहुचर्चित सीट डलहौजी और दरंग सीट का नतीजा बेहद चौकाने वाला आया है. जानकारी के अनुसार मंत्री सिंहदेव की बहन आशा सिंह को भाजपा प्रत्याशी धविंद्र सिंह ने हारा दिया है. आशा सिंह 6 बार की विधायक रह चुकी हैं, वहीं दरंग सीट से आठ बार के विधायक रहे कौल सिंह को भाजपा के पूरन चंद ने 1033 वोटों से पटखनी दी है. ये दोनों सीएम के उम्मीदवार की रेस में आगे थे. हालांकि कई और बड़े नाम हैं जो सीएम पद के दावेदार हैं.

बता दें कि, हिमाचल में 68 सीटों में से 39 सीटों पर कांग्रेस जीत दर्ज कर चुकी है. वहीं भाजपा 18 सीटों पर जीत चुकी है. 8 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है. जिसमें भाजपा को 7 सीटों पर बढ़त है और कांग्रेस को 1 सीटों पर बढ़त हासिल है. वहीं 3 सीटों पर अन्य का कब्जा रहा है.

दरअसल, हिमाचल में सीएम पद के कई दावेदार हैं, लेकिन इस रेस में सबसे आगे पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) हैं. हिमाचल प्रदेश के नतीजों पर प्रतिभा सिंह की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि जनता ने हमें जनादेश दिया है, डरने की जरूरत नहीं है. हम चंडीगढ़ या राज्य में कहीं भी हमारे विधायकों से मिल सकते हैं. जो जीते हैं वे हमारे साथ रहेंगे और हम सरकार बनाएंगे.

उन्होंने सीएम पद की दावेदारी पर कहा कि, मैं क्यों नहीं बन सकती? इस पर पार्टी आलाकमान को फैसला लेना है. हालांकि, आप वीरभद्र सिंह के योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. वीरभद्र सिंह के नाम पर हम ये चुनाव जीते हैं. वहीं हिमाचल में कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हाईकमान तय करेगा कि हिमाचल का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. प्रियंका गांधी का 10 सूत्री घोषणापत्र यहां काम कर गया.

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बहुमत मिला तो मुख्यमंत्री तय करना पार्टी नेतृत्व के लिए आसान नहीं रहने वाला. सब कुछ निर्भर करेगा कि कांग्रेस कितनी मजबूत स्थिति में होती है और नए विधायकों में किस गुट के कितने हैं. सीएम पद की रेस में आधा दर्जन से ज्यादा नाम हैं. पांच बड़े दावेदार हैं और दो ऐसे नाम हैं जिन्हें छुपा रुस्तम माना जा रहा है.

आशा कुमारी

चंबा जिले की डलहौजी सीट से छह बार की विधायक आशा कुमारी को भाजपा प्रत्याशी धविंद्र सिंह ने हारा दिया है. महिला चेहरे के साथ ही आशा कुमारी का दावा इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि वो छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टी.एस. सिंह देव की बहन हैं. हालांकि हार के बाद भी आशा कुमारी सीएम बन सकती हैं. अगर आलाकमान उन्हें सीएम बनाता है तो उन्हें 6 महीने के भीतर किसी भी सीट से विधानसभा चुनाव जीतना होगा.

इससे पहले बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी विधानसभा चुनाव में हार गईं थी. जिसके बाद भी ममता बनर्जी सीएम बन गई थी. सीएम बनने के 6 महीने के भीतर उन्होंने बंगाल विधानसभा की एक सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल कर ली थी. जो नियम के तहत हुआ था.

प्रतिभा सिंह

मंडी लोकसभा सीट से सांसद प्रतिभा सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन वीरभद्र सिंह की विरासत के तौर वो सीएम पद का दावा कर रही हैं क्योंकि कांग्रेस ने राजा वीरभद्र के चेहरे का इस्तेमाल पूरे प्रचार अभियान में किया था. प्रतिभा सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है.

ठाकुर कौल सिंह

ठाकुर कौल सिंह हिमाचल कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता हैं. 77 साल के कौल सिंह मंडी जिले की दरंग सीट से आठ बार विधायक चुने गए, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं. लेकिन इस बार नतीजा उनके पक्ष में नहीं गया है. ठाकुर कौल सिंह को भाजपा के पूरन चंद ने 1033 वोटों से पटखनी दी है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस बार प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया था. सुक्खू को राहुल गांधी की पसंद माना जाता है. हालांकि उनके राजा वीरभद्र से मतभेद थे और कहा जाता है कि प्रतिभा सिंह उनकी ताजपोशी के पुरजोर विरोध करेंगी. सुक्खू हमीरपुर जिले की नादौन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जीते तो चौथी बार विधायक बनेंगे.

मुकेश अग्निहोत्री

मौजूदा नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री पहले राजा वीरभद्र सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं. प्रतिभा सिंह के करीबी माने जाते हैं और कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष उनका नाम सीएम के तौर पर आगे कर सकती हैं, लेकिन ब्राह्मण होना अग्निहोत्री की राजनीतिक कमजोरी के तौर पर देखा जा रहा था है. चार बार के विधायक अग्निहोत्री ऊना जिले की हरोली सीट से लड़ रहे हैं.

ये नाम भी सीएम की रेस में

इन बड़े नामों के अलावा दो ऐसे नाम हैं जिन्हें हिमाचल कांग्रेस के अंदरखाने में छुपा रुस्तम माना जा रहा है. पहले हैं हर्षवर्धन चौहान जो सिरमौर जिले की शिलाई सीट से पांच बार के विधायक हैं. इनके पिता हिमाचल सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इस बार भी वह अपनी सीट से चुनाव जीत चुके हैं.

वहीं दूसरा नाम राजेश धर्माणी का है, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं और राहुल गांधी की टीम के करीबी हैं. धर्माणी बिलासपुर की घुमारवीं सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं हालांकि पिछला चुनाव हार गए थे. लेकिन इस बार वो भी चुनाव जीतकर अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं.