रायपुर. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने मंगलवार को विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करते हुए सभी कार्यों को समय-सीमा के भीतर पूर्ण करें. सिंहदेव ने जगदलपुर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सिंहदेव ने बैठक में नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ड्रीम-प्रोजेक्ट है. यह योजना वास्तव में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है. यदि इस योजना को पूरी लगन और ईमानदारी से लागू किया जाता है, तो यह पूरे देश के लिए आदर्श उदाहरण हो सकता है. उन्होंने बस्तर जिले में नरवा, गरवा, घुरवा, बारी पर किए जा रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त किया.

उन्होंने गौठानों में पशुओं के लिए पर्याप्त चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. सिंहदेव ने कहा कि नैपियर घास को तैयार होने में लगभग तीन महीने का समय लगता है. इसलिए जब तक यह घास तैयार नहीं होती, तब तक वैकल्पिक चारे की व्यवस्था हर गौठान में होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गौठानों में चरवाहे की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. चरवाहों को मानदेय के साथ गौठानों की अन्य आर्थिक गतिविधियों से भी जोड़ा जाए.

सिंहदेव ने बैठक में कहा कि सभी पात्र परिवारों को वनाधिकार मान्यता पत्र मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि वनाधिकार मान्यता पत्र प्राप्त परिवारों को मनरेगा से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित महिला स्वसहायता समूहों की महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के निर्देश दिए. उन्होंने जिले में चल रहे निर्माण कार्यों, आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत स्वीकृत कार्यों की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में कलेक्टर डॉ. अय्याज तम्बोली और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इन्द्रजीत चन्द्रवाल सहित बस्तर जिले के सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.