सदफ हामिद,भोपाल। मध्यप्रदेश में नाम कई जगहों के नाम बदलने की कवायत तेज हो गई है. एमपी में नाम बदलने पर सियासत भी जारी है. होशंगाबाद के बाद भोपाल का नाम बदलने की मांग उठ रही है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भोपाल का नाम भोजपाल पर करने की मांग की है. मंत्री ने कहा कि गुलामी के प्रतीक नामों को बदला जाना चाहिए. सरकार ने मुहिम चलाई है जनता में इस बात को लेकर खुशी है.

हम नाम बदल रहे, तो कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने औरंगजेब जैसे अत्याचारियों के नाम से सड़क और भवनों का नाम रखा, यह देश का दुर्भाग्य रहा है. कांग्रेस की सरकार ने महिमामंडित करने का काम किया है. जब हम नाम बदल रहे हैं, तो कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है. नर्मदापुरम रखने पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज की है. कांग्रेस गुलामी की मानसिकता से ग्रसित है.

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भोपाल के कई स्थान गुलामी के प्रतीक

मंत्री विश्वास सारंग ने आगे कहा कि होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम किया गया है. नर्मदा मैया आस्था का केंद्र है. नर्मदा पुरम नाम से होशंगाबाद का नाम जाना चाएगा. संस्कृति को बचाने बड़ा कदम है. इतिहास के बारे में सही जानकारी आने वाली पीढ़ियों को देना है. मंत्री सारंग ने कहा कि भोपाल का नाम बदला जाए. भोपाल के कई स्थानों जो गुलामी का प्रतीक है, उनका भी नाम बदलने पर  विचार किया जाए.

कई शहरों के बदले जाएंगे नाम

बता दें कि मध्यप्रदेश में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन (रानी कमलापति) और मिंटो हाल (कुशाभाऊ ठाकरे सभागार) के बाद धार्मिक नगरी होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम कर दिया गया है. इसके साथ ही गुलामी के कलंक से मध्य प्रदेश को मुक्त करने के लिए और शहरों के नाम भी बदले जाएंगे.

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