सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ और अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन अपनी मांगों को लेकर मुखर हो गए हैं. शुक्रवार को अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के पांच दिवसीय हड़ताल का अंतिम दिन था. इस हड़ताल से कुछ बात नहीं बनी. जिसके बाद फेडरेशन ने 15 अगस्त के बाद से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. वहीं मंत्रालयीन कर्मचारियों ने भी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है.
हड़ताल के अंतिम दिन अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन आज CM हाउस का घेराव करने निकले. लेकिन रैली की शक्ल में निकले अधिकारी-कर्मचारियों को पुलिस ने स्मार्ट सिटी कार्यालय के सामने रोक लिया. इन पांच दिनों में प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कामकाज ठप रहा. अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के प्रवक्ता विजय झा और तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि प्रतिदिन जितने करोड़ का नुकसान हुआ है, उतने पैसों से हमारी मांग पूरी हो सकती थी. उन्होंने कहा कि अधिकारी-कर्मचारी सालों से महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
मंत्रालयीन कर्मचारी ने भी दी चेतावनी
वहीं छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने भी केन्द्र सरकार की तरह 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता की मांग को लेकर आज मंत्रालय महानदी भवन में आमसभा का आयोजन किया. जिसमें भारी संख्या में उपस्थित मंत्रालयीन संयुक्त सचिव, उपसचिव, अवर सचिव, अनुभाग अधिकारी, सहायक ग्रेड-एक, दो, तीन एवं शीघ्रलेखक संवर्ग और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि सरकार द्वारा यदि अतिशीघ्र लंबित महंगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता कर्मचारियों को नहीं दिया गया तो मंत्रालय के सभी कर्मचारी अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे.
खत्म हो रहा धैर्य
आमसभा को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि सरकार की कर्मचारियों के प्रति अत्यंत असंवेदनशीलता के बावजूद मंत्रालय के कर्मचारी अधिकारियों ने विधानसभा कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रदेश के अन्य संघों की तरह मंत्रालय में कोई हड़ताल नहीं किया. लेकिन अब हमारा धैर्य और बाध्यता खत्म हो चुकी है. इसलिए राज्य सरकार केन्द्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरुप गृहभाड़ा भत्ता तत्काल प्रदान करे.
जनप्रतिनिधियों के वेतन बढ़ाए जाने को लेकर नाराजगी
सभा में संघ के पदाधिकारियों के अलावा उपस्थित अधिकारी/कर्मचारियों ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ज्ञापन सौंपकर महंगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता तुरंत देने की मांग की है. आमसभा के दौरान जनप्रतिनिधियों के बढ़ाये गए वेतन पर आश्चर्य जताते हुए नाराजगी देखने को मिली. वहीं महंगाई को देखते हुए छत्तीसगढ़ के साढ़े चार लाख कर्मचारियों के लिए कर्मचारी न्याय योजना तत्काल प्रारंभ करने की भी मांग की गई. आमसभा के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि यदि प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी महासंघ और छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के सभी संगठन एक मंच पर आकर एक साथ प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लें. ताकि मंत्रालय के अधिकारी कर्मचारी भी इस हड़ताल में पूर्ण सहयोग करेंगे.
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