आशीष तिवारी,रायपुर- रमन कैबिनेट की बैठक में आज एक प्रस्ताव को पारित कराने के पहले जमकर विवाद हुआ.इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कई मंत्रियों ने नाराजगी जाहिर कर विरोध दर्ज कराया.दरअसल कैबिनेट में जब अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामले में अपील के लिए समिति गठित करने संबंधी प्रस्ताव आया,तो इस प्रस्ताव पर कैबिनेट मीटिंग में ज्यादातर मंत्री बिफर पड़े.
इस विषय को लेकर कुछ मंत्रियों ने सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव एवं मुख्य सचिव की ओर मुखातिब होते हुए तीखे सवाल उठाये. मंत्रियों की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि साल 2017 में कैबिनेट ने इस प्रावधान में संशोधन कर इसे हटाया था. जब दोबारा समिति बनानी ही थी तो फिर इसे हटाने का औचित्य क्या था? मंत्रियों ने इस प्रस्ताव को लेकर तीखा विरोध दर्ज कराया. मंत्रियों के विरोध के बीच मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को हस्तक्षेप करने की नौबत आ गई. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद जीएडी के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.
47 पुलिसकर्मियों को हटाए जाने के दौरान हुआ था विरोध
राज्य शासन ने 47 पुलिसकर्मियों को उनके कमजोर परफॉर्मेंस के बाद सेवा से हटा दिया था. अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने को लेकर जमकर विरोध हुआ. आरोप यह भी लगाया गया कि आदिवासी समाज को टारगेट करते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई. कई पुलिसकर्मियों ने इस मामले में सरकार के फैसले के विरोध में कोर्ट में याचिका लगाई थी. सरकार के कई मंत्रियों ने भी पुलिसकर्मियों को हटाए जाने के फैसले को लेकर आपत्ति की थी. बताया जाता है कि सरकार ने तब ही मन बना लिया था कि एक अपील समिति का गठन कर लिया जाए, जहां अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने वाले अधिकारी कर्मचारी फैसले को चुनौती दे सके.