रायपुर. जब तक पेड़ों की बलि ना दी जाए तब तक बिलासपुर के मंत्री के कथित विकास का होना असंभव सा होते दिखाई दे रहा है. मंत्री जी एक बार फिर अपने मंसूबे को पूरा करने के लिए मासूम पेड़ों की बलि चढ़ाने जा रहे हैं. मंत्री जी दिन में तारे दिखाने के लिए मासूम पेड़ों की बलि क्यों दे रहे हैं, क्या उनके पास तारामंडल के लिए कोई और जगह नहीं बची और बचेगी भी कहाँ से उन्होंने जो शहर को बढ़ने कहा दिया. जब हम सब कांग्रेस के सिपाही पेड़ों की रक्षा करने पेड़ों की कटाई के विरोध करने पहुंचे, तो मंत्री एकबार फिर पुलिस को आगे करके सामना करने से बचते दिखाई दिए. पेड़ कटाई के विरोध में पहुंचे कांग्रेस के करीब 100 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और तारबाहर थाना में भेज दिया गया.

कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पांडेय ने कहा कि मंत्री पहले लिंकरोड के पेड़ों की बलि चढ़ा दिए, फिर व्यापार विहार, दयालबंद, मुंगेली नाका, कोनी मार्ग, रायपुर रोड, कोटा रोड के हजारों पेड़ों की कटाई कराकर शहर का टेम्प्रेचर 50 डिग्री पहुंचा दिए. लेकिन मंत्री का विकास शहरवालों को दिखाई नहीं दिया. ना तो आज तक इन पेड़ों के बलि के बाद पेड़ लगाए गए, ना ही शहर का टेम्प्रेचर काम हुआ. जब अप्रैल-मई में शहर में बेतहाशा गर्मीं पड़ने लगा और लोगों ने पेड़ों को कटाई को वजह बताया, तो मंत्री जी ने आक्सी जोन की फुलझड़ी छोड़ दी. अब जब चुनाव आया तो हमेशा की तरह एकबार फिर अधूरे कार्यों को दरकिनार कर फिर से कथित विकास कार्य का तमगा गाड़ने में लग गए हैं.

पिछले 20 वर्षों से बिलासपुर जिस तेज़ी से विकास में पिछड़ता जा रहा है कि अब छत्तीसगढ़ का दूसरे सबसे बड़े शहर का नाम पांचवे छठवे में आने लगा है. पिछले 13 वर्षों में जनता को दुख तकलीफ और मौत देते हुए अपने अंजाम तक पहुंच गया है और यह योजना कभी भी चालू नहीं हो सकेगी. अरपा परियोजना सिर्फ कागजों में सिमट चुकी है. ट्रांसपोर्ट नगर अब तक बसा नहीं, गोकुल धाम की डेयरियां तो शहर में संचालित हो रही है. लागत से तीन गुना ज्यादा पैसे में एक आडोटोरियम बना वो भी किसी काम का नहीं. भ्रष्टाचार की मोटी परतों से बिछाई गई सड़कों के ऊपर का डामर इस बार तो चुनाव तक भी नहीं चल पा रहा है. एक ही जगह के सौंदर्यीकरण को बार-बार उजड़ा जा रहा है, जनता के करोड़ों रुपये को बर्बाद किया जा रहा है. कांग्रेस के तीन साल के शासनकाल के बाद ना तो एक भी सड़क का चौड़ीकरण हो सका, ना ही शहर का दायरा बढ़ सका. अब जब मंत्री जी शहर के दायरा को क़स्बा में समेत चुके हैं तब एक ही जगह पर जनता के पैसों को बर्बाद कर आक्सीजन के बाद पेड़ों को उजाड़कर प्लेनेटोरियम बना रहे हैं.

जब मंत्री के कार्यकाल कि उलटी गिनती शुरू हो चुकी है तो अब मंत्री को आनन- फानन में एकबार फिर मासूम पेड़ों कि बलि चढ़ाकर प्लेनेटोरियम बनाने की सूझ रही है. मंत्री जी पेड़ों कि बलि चढ़ाकर लोगों को दिन में तारा दिखाना चाह रहे हैं. अपनी सोच का दायरा में समेत चुके शहर में प्लेनेटोरियम को स्मृति वन या उर्जा पार्क में आसानी से बनाया जा सकता था लेकिन स्मृति वन और ऊर्जा पार्क बिलासपुर विधानसभा में नहीं आते हैं, जिससे उनके प्रतिद्वंदी को इसका फायदा मिल जाता. इसलिए उन स्थानों का चयन नहीं किया गया. रायपुर आज चौथे मास्टर प्लान की और आगे बढ़ चुका है, बिलासपुर में एक मास्टर प्लान को लागू नहीं हो पा रहा है. ये तो मंत्री जी विकासवादी की सोच है.

जनता के पैसों को इस तरह से बर्बाद करने वाले मंत्री को जनता जरूर सबक सिखाएगी. जिस घमंड से बोलते फिर रहे हैं सड़क धंस रही है, धंसने दो, फिर बना देंगे, करोड़ों रुपये डकारने के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है. माह भर से नालियों की सफाई हो नहीं रही है. शहरवासी आपके जुमलेबाजी से अब रूबरू हो चुके हैं, इस बार आप मतदान के बाद जनता को ये घमंड दिखाना.

इस पूरे विरोध प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष नरेंद्र बॉलर, प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय, नेता प्रतिपक्ष शेख नज़रुद्दीन, महेश दुबे, शिवा मिश्रा, विजय पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, शैलेन्द्र जायसवाल, पंच राम सूर्यवंशी, अखबार अली, जावेद मेनन, तैयब खान, निर्मल मानिकपुरी, रामा बघेल, कराम गोरख, अभय नारायण समेत सैकड़ों कांग्रेस के सिपाही मौजूद थे.