नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले दिल्ली के सिविल लाइंस में बिल्डर राम किशोर अग्रवाल की लूट के बाद हत्या हो गई थी. पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझाने का दावा किया है. पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग को हिरासत में लिया है. नाबालिग मूलतः बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है और वर्तमान में दिल्ली के वजीराबाद इलाके में रहता है. इस नाबालिग को पहले भी आपराधिक मामलों में पकड़ा जा चुका है. उस पर लूटपाट का केस भी दर्ज है. मेट्रो पुलिस ने मुख्य आरोपी को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से पकड़ा है. बता दें कि 1 मई की सुबह 77 साल के बिल्डर राम किशोर की हत्या हो गई थी. सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर सिविल लाइंस के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

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मेट्रो स्टेशन पर कार्ड पंच करने से पुलिस को आरोपी की लोकेशन का चला पता

राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर कार्ड पंच करने के बाद पुलिस को उसकी लोकेशन का पता चल गया. मेट्रो पुलिस ने उसे पकड़कर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. वहीं सूत्रों से मिली खबर के अनुसार दूसरे नाबालिग आरोपी को भी पकड़ लिया गया है, लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. हत्या के बाद पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज की जांच की, तो बाइक पर दो आरोपी भागते हुए दिखे थे. पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 8 टीमें गठित की थीं. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि दोनों आरोपी कोठी की लंबी दीवार को फांदकर बाहर आते हैं और उसके बाद बाइक पर बैठकर फरार हो जाते हैं. एक बदमाश की पीठ पर बैग भी दिखाई दे रहा है, जिसमें संभवतः लूट का सामान या रकम होगी. जिस वक्त बिल्डर की हत्या हुई, घर के सभी लोग सो रहे थे. वे ग्राउंड फ्लोर पर अकेले रहते थे और बेटे-बहू फर्स्ट फ्लोर पर सो रहे थे. मृतक के बेटे ने बताया था कि उसने अपने पिता को सुबह बिस्तर पर लहूलुहान पड़े हुए देखा. उनके शव पर चाकू से गोदे जाने के निशान थे. बेटे ने बताया कि गत्तों के डब्बों में रखे गए कैश गायब थे.

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जानिए आरोपियों ने कैसे दिया वारदात को अंजाम

पुलिस को सीसीटीवी कैमरे की जांच में पता चला कि घटना से पहले वाली रात आरोपी बाइक को राम किशोर अग्रवाल की कोठी के बाहर पार्क करने पहुंचे थे. बाइक को खड़ी करके पैदल ही सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पहुंचे. जहां से वे मेट्रो में सवार होकर ग्रीन पार्क स्टेशन पहुंचे, फिर मेट्रो में सवार होकर वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मेट्रो से बाहर निकले और परिसर में कुछ समय बिताने के बाद यलो लाइन मेट्रो में सवार हो गए. समयपुर बादली मेट्रो स्टेशन पहुंचने के बाद उनका टोकन खत्म हो गया. उन्होंने मेट्रो कार्ड का इस्तेमाल किया और बाहर निकलने के बाद एक ऑटो में सवार हुए, जहां से वह हैदरपुर गांव पहुंचे. 30 अप्रैल यानि शनिवार देर रात जब मेट्रो चलना बंद हो गई तो वे ऑटो से सिविल लाइंस पहुंचे. वहां दोनों अग्रवाल के घर में घुस गए. डकैती का विरोध करने पर उन पर हमला किया और 50 लाख रुपए लेकर पहले से पार्क की गई अपनी बाइक से फरार हो गए. इलाके के एक गार्ड ने उनका सामना भी किया, लेकिन वे किसी तरह भागने में कामयाब हो गए.

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जैसे ही मेट्रो कार्ड का यूज किया, उसकी इन्फॉर्मेशन पुलिस के पास पहुंच गई

एक टीम ने ऑटो रिक्शा चालक से पूछताछ की और दूसरी टीम ने डीएमआरसी से संपर्क कर आरोपियों के मेट्रो कार्ड की जानकारी हासिल की. मेट्रो पुलिस को इस बात की जानकारी दे दी गई. मेट्रो के स्पेशल स्टाफ निरीक्षक अजय बदमाशों पर निगरानी रखनी शुरू कर दी. डीएमआरसी ने पुलिस को बताया कि आरोपी अगर मेट्रो कार्ड का इस्तेमाल करता है, तो इसकी जानकारी पुलिस को मिल जाएगी. शाम में आरोपी ने राजीव चौक पर कार्ड का इस्तेमाल किया और पुलिस ने उसे पकड़ लिया. आरोपी ने कार्ड जैसे ही मेट्रो पर टच किया, उसका अलर्ट दिल्ली पुलिस व मेट्रो पुलिस को पहुंच गया. इसके बाद मेट्रो स्पेशल स्टाफ इंस्पेक्टर अजय और उनकी टीम ने उसे धर दबोचा. उस समय आरोपी मास्क लगाए हुए था.