अविनाश श्रीवास्तव/सासाराम। रोहतास जिले के नासरीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 11 दिसंबर को नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस जघन्य अपराध में गांव के ही एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिसने अपराध को छिपाने के लिए बेहद शातिराना चाल चली थी।
हत्यारा बना सबसे पहले सूचना देने वाला
पुलिस जांच में सामने आया कि जिस व्यक्ति ने सबसे पहले बच्ची का शव देखकर शोर मचाया और गांव वालों को इकट्ठा किया वही इस सनसनीखेज वारदात का मुख्य आरोपी निकला। आरोपी ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए पुलिस और ग्रामीणों को गुमराह करने की पूरी कोशिश की लेकिन उसके ही छोड़े गए सबूत उसके खिलाफ मजबूत कड़ी बन गए।
कपड़ों और शरीर पर मिले अहम सबूत
रोहतास के पुलिस अधीक्षक रौशन कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपी उपेंद्र राम के कपड़ों पर खून के धब्बे मिले थे। वहीं उसके शरीर पर नाखून और खरोंच के निशान पाए गए जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बच्ची ने घटना के समय खुद को बचाने की कोशिश की थी। आरोपी ने खून के निशान मिटाने के लिए अपने जैकेट और पैंट धोने का भी प्रयास किया था।
ट्यूशन से लौटते वक्त हुई वारदात
पुलिस के अनुसार बच्ची शाम करीब 7:30 बजे ट्यूशन से घर लौट रही थी। उसी समय आरोपी को गांव में शिव मंदिर की ओर जाते देखा गया था। लगभग दस मिनट के भीतर ही यह वारदात अंजाम दी गई।
एफएसएल जांच के लिए भेजे गए साक्ष्य
घटना के बाद आरोपी ने शव को दूसरी गली में रखकर हल्ला मचाया, ताकि शक उस पर न जाए। पुलिस ने शव से मिले साक्ष्य घटनास्थल से जुटाए गए नमूने और आरोपी के कपड़े एफएसएल जांच के लिए पटना भेज दिए हैं। आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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