लखनऊ. बाराबंकी की नाबालिग रेप पीड़िता और उसकी मां ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष याचिका दाखिल कर गर्भपात की अनुमति मांगी है. पीड़िता आठ माह की गर्भवती है. न्यायालय ने याचिका पर बाराबंकी के सीएमओ को तीन विशेषज्ञ डाक्टरों का पैनल बनाकर नि:शुल्क परीक्षण कराने का आदेश दिया है. न्यायालय ने मेडिकल रिपेार्ट भी सील्ड कवर में तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई होनी है.
बता दें कि न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की अवकाशकालीन पीठ ने 29 जून को इस सम्बंध में पीड़िता व उसकी मां की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है. न्यायालय ने मेडिकल बोर्ड से नाबालिग लड़की व उसके भ्रूण की स्थिति और पीड़िता की मानसिक स्थिति के बारे में स्पष्ट रिपेार्ट देने का आदेश बोर्ड को दिया है. न्यायालय ने बोर्ड की इस पर भी राय मांगी है कि यदि नाबालिग अपने गर्भ में आए बच्चे को जन्म देती है तो उसे किस मानसिक स्थिति से गुजरना पड़ेगा.
दरअसल बाराबंकी के कुर्सी थाना क्षेत्र के इस मामले में पीड़िता के साथ उसके रिश्तेदार ने संबंध बना लिए. पीड़िता की मां ने गत 4 जून को लड़के के खिलाफ छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखाई. विवेचना में चला कि नाबालिग को गर्भ है. इसके बाद मामले में रेप की धारा भी बढ़ा दी गई. इस बीच पीड़िता की मां और स्वयं पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट से गर्भ गिराने की अनुमति मांगी है. बता दें कि नियमत: 21 सप्ताह तक के गर्भ को गिराने की अनुमति दी जा सकती है.
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