पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा जिले से एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला उजागर हुआ है। जिले के कटेकल्याण अस्पताल में एक नाबालिग छात्रा ने उपचार के दौरान अस्पताल के बाथरूम में एक नवजात को जन्म दिया, जिसके बाद नवजन्मे मासूम को टॉयलेट सीट के अंदर लोकलाज से फेंक दिया गया। जिसके चलते बच्चे की मौत हो गई। इधर इस मामले में दंतेवाड़ा पुलिस पड़ताल में जुटी है कि आखिर नाबालिग छात्रा, जो कक्षा 7वीं में पढ़ती है, वह प्रेग्नेंट कैसे हुई और मासूम नवजन्मे बच्चे की मौत किस तरह से हुई है।

इस मामले में जिला प्रशासन नाबालिग छात्रा ग्रीष्म अवकाश में घर गई थी कहकर मामले से पल्ला झाड़ने में लगा हुआ है। तो वहीं दूसरी तरफ आवासीय विद्यालयों में आदिवासी छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

नाबालिग छात्रा दंतेवाड़ा के छात्रावास में रहकर कक्षा 7वीं की पढ़ाई कर रही थी। गर्मी छुट्टी पर बच्ची अपने घर पहुंचती है। उसे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या होती है तो कटेकल्याण सामुदायिक अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है, जहां नाबालिग छात्रा ने अस्पताल के बाथरूम में एक नवजात शिशु को जन्म दिया। जिस बच्चे की बाथरूम के टॉयलेट सीट के अंदर गिरने से मौत हो गई। इधर इस मामले में दंतेवाड़ा पुलिस जांच कर रही है और बच्चे के शव का पोस्टमार्टम भी करवा लिया गया है।