इस्लामाबाद। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को स्वीकार किया कि पाकिस्तान में हिंदू, सिख और अन्य अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. नेशनल असेंबली के सत्र के दौरान पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को “धर्म के नाम पर लक्षित हिंसा” का सामना करना पड़ रहा है. इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में मिली हार की कांग्रेस करेगी समीक्षा, वीरप्पा मोइली की अगुवाई में कमेटी छह दिनों तक डालेगी डेरा…

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, “हर दिन अल्पसंख्यकों की हत्या की जा रही है. वे इस्लाम की आड़ में सुरक्षित नहीं हैं. मैं अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे पर बात करना चाहता हूं, लेकिन विपक्ष मेरे प्रयासों को रोक रहा है. पाकिस्तान वैश्विक शर्मिंदगी का सामना कर रहा है.”

उन्होंने दावा किया कि संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं, जबकि हाशिए पर पड़े समुदायों की सुरक्षा के लिए प्रस्ताव की मांग की. आसिफ ने यह भी बताया कि कई पीड़ितों को, जिनका ईशनिंदा के आरोपों से कोई संबंध नहीं है, व्यक्तिगत प्रतिशोध के कारण निशाना बनाया गया.

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पाकिस्तानी मंत्री ने कहा. “यहां तक ​​कि पाकिस्तान में छोटे मुस्लिम संप्रदाय भी सुरक्षित नहीं हैं, जो एक शर्मनाक स्थिति है. हम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रस्ताव पेश करने का इरादा रखते हैं. जबकि हमारा संविधान अल्पसंख्यकों के अधिकारों की गारंटी देता है, ऐसी घटनाएँ हुई हैं…जिन लोगों की अब तक हत्या की गई है, उनके पास ईशनिंदा से जुड़े कोई सबूत नहीं थे; बल्कि, ये हत्याएँ व्यक्तिगत प्रतिशोध से उपजी प्रतीत होती हैं,”

HRCP और ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू, सिख और अन्य अल्पसंख्यक लगातार जबरन धर्मांतरण, अपहरण, हत्या और अपने धार्मिक स्थलों पर हमले जैसी समस्याओं का सामना करते हैं.

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इसके अतिरिक्त, अहमदिया समुदाय को तीव्र उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, उन्हें अपनी धार्मिक गतिविधियों, अभद्र भाषा और हिंसक हमलों पर कानूनी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें लगातार उनके विश्वास के कारण निशाना बनाया जाता है, ऐसी घटनाएँ पूरे देश में सामने आई हैं.

ईशनिंदा कानून का अक्सर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए दुरुपयोग किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप मनमाने ढंग से गिरफ्तारियां, हिंसा और सामाजिक बहिष्कार होता है.