कुंदन कुमार/पटना। बिहार में अल्पसंख्यक आयोग का फिर से गठन किया गया है और इस बार राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को इस आयोग में शामिल किया गया है। जदयू के पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी को बिहार प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस महत्वपूर्ण बदलाव के साथ ही लखींद्र सिंह और मौलाना उमर को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है।

ये है नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

गुलाम रसूल बलियावी को बिहार प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद, यह तय हो गया है कि आयोग को अल्पसंख्यक समुदाय के मुद्दों पर पहले से अधिक संवेदनशील और प्रभावी तरीके से काम करने के लिए दिशा मिलेगी। बलियावी, जो पहले जदयू के सांसद रहे हैं, इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार माने जाते हैं वहीं, लखींद्र सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया है, जो तख्त श्री हरि मंदिर, पटना साहिब के उपाध्यक्ष भी हैं। उनकी नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि राज्य सरकार ने धार्मिक और सांस्कृतिक समन्वय को प्राथमिकता दी है। साथ ही, मौलाना उमर को भी उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है, जो मुस्लिम समाज में अपनी पहचान रखते हैं।

आयोग के नए सदस्य

इस बार आयोग के गठन में कई नए चेहरे भी सामने आए हैं। मुकेश जैन (बेगूसराय),फिरोजा खातून (नवादा), अशरफ अली अंसारी (सिवान),मोहम्मद शमशाद आलम (जहानाबाद), तुफैल अहमद खान कादरी (साइ सारण),सुशील कुमार दास (किशनगंज),राजेश कुमार जैन (मुंगेर) और अज़फर शम्सी (मुंगेर) को आयोग का सदस्य बनाया गया है।

कार्यकाल और अधिसूचना

अल्पसंख्यक आयोग के गठन को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने गुरुवार को अधिसूचना जारी की। इस आयोग का कार्यकाल आगामी तीन सालों के लिए होगा, और इसका उद्देश्य राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा करना, उनके कल्याण की योजनाओं को लागू करना और उन्हें सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यह गठन 15 महीने के लंबे अंतराल के बाद हुआ है, जब पिछले आयोग का कार्यकाल समाप्त हो गया था। नए आयोग के गठन से राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के मुद्दों को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है।