नोएडा. क्या आपने कभी सोचा है कि किसी इंसान का दिल चार घंटे तक खामोश रहा हो, फिर भी इंसान जिंदा बच गया हो. मेडिकल साइंस हर रोज नई तरक्की कर रहा है. ये मेडिकल साइंस का ही कमाल है कि करीब चार घंटे तक एक इंसान का दिल धड़कना बंद हो गया लेकिन डाक्टरों ने उस इंसान को सही सलामत बचा लिया.

नोएडा के भंगेल निवासी नंद किशोर एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. सुबह वे जागिंग कर रहे थे कि उसी दौरान उनके सीने में तेज दर्द उठा और वे बेहोश होकर गिर पड़े. उनके परिजनों ने तुरंत नंद किशोर को नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो डाक्टरों ने सोचा कि शायद ये हार्ट अटैक का मामला है. जब डाक्टरों ने नंद किशोर की जांच की तो पता चला कि हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाली नसों की सतह फट गई हैं. जिससे उनके हार्ट को सही तरीके से ब्लड की सप्लाई नहीं हो पा रही थी. अगर ये नस फट जाती तो रोगी की मौत हो जाती.

अब डाक्टरों ने उनकी नस को दुरुस्त करने के लिए करीब चार घंटे तक दिल को खामोश रखा यानि उनके दिल ने करीब चार घंटे तक काम करना बंद कर दिया. इस दौरान कृत्रिम तरीकों से डाक्टरों ने शरीर के विभिन्न हिस्सों को ब्लड सप्लाई जारी रखी. डाक्टरों के मुताबिक मेडिकल साइंस में अधिकतम तीन घंटे तक दिल को शांत रखा जा सकता है. खास बात ये है कि दिल को खामोश किए जाने की इस प्रक्रिया में शरीर बिल्कुल ठंडा पड़ जाता है. आपरेशन सफल होने के बाद फिर से दिल को ब्लड की सप्लाई जब डाक्टरों ने की तो दिल दोबारा धड़क उठा. डाक्टरों के मुताबिक ये बेहद चुनौतीपूर्ण व कठिन आपरेशन था जिसमें 33 यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ी थी. जिसे नंद किशोर के रिश्तेदारों व पड़ोसियों ने दिया.

करीब दस घंटे तक चले इस मैराथन आपरेशन में कई डाक्टरों की टीम लगी थी. आखिरकार डाक्टरों ने अपने प्रयास में सफलता पा ली औऱ दस घंटे के मैराथन आपरेशन औऱ चार घंटे तक दिल को खामोश रखने के बाद दुबारा दिल को धड़कने का मौका दिया. ये न सिर्फ डाक्टरों के लिए राहत की बात थी बल्कि मेडिकल साइंस में डाक्टरों ने इस आपरेशन के जरिए नया कीर्तिमान रच डाला. गौरतलब है कि मेडिकल साइंस में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई दिल करीब चार घंटे तक खामोश रहा हो. ये कारनामा नोएडा के कैलाश हास्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट के डाक्टरों ने कर दिखाया है.