रायपुर। मीसाबंदियों की पेंशन पर राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने का कांग्रेस ने स्वागत किया है. कांग्रेस ने कहा कि 100 करोड़ रू. की राशि सरकारी खजाने से संघ समर्थकों को तत्कालीन रमन सरकार बाँट दी थी. भाजपा सरकार को गरीब, मजदूर, किसानों की नहीं मीसाबंदियों की चिंता रही. रमन सिंह सरकार ने जनता के खजाने का पैसा विकास कार्यो में नहीं संघ विचारधारा के पोषण में लगाया.
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों का 11000 करोड़ का कर्ज माफ किया. किसानों को 2500 रूपये धान का दाम दिया गया. तेंदूपत्ता श्रमिकों को मानक बोरा 4000 मजदूरी दी. गरीबों, मजदूरों, किसानों को लाभ पहुंचाने में, छत्तीसगढ़वासियों का हित करने कांग्रेस सरकार लगी हुई है. लेकिन भाजपा की सरकार अपने नेताओं को लाभ दिलाने का ही काम करती रही है.
उन्होंने कहा की मीसाबंदियों की पेंशन पर रोक लगाना सरकारी कामकाज में रमन सिंह सरकार द्वारा 15 वर्ष किये गये भ्रष्टाचार और फिजूल खर्ची पर रोक लगाना है. यह जनहित में उठाया गया कांग्रेस सरकार का कदम है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस फैसले का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है.
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह सरकार द्वारा 5 अगस्त 2008 को कांग्रेस-विरोधी विचारधारा के मीसा बंदियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह जनविरोधी योजना लागू की गयी थी, जिसके तहत 300 मीसाबंदियों को लगभग 25,000 प्रतिमाह की राशि दी जाती थी. 2008 से लेकर आज तक 90 से 100 करोड़ रुपए की राशि मीसा बंदियों को राहत देने के नाम पर भाजपा और संघ विचारधारा के लोगों की भेंट चढ़ा दी गई. रमन सिंह जी की सरकार ने लगातार सरकारी पैसों का दुरूपयोग कर कांग्रेस विरोधी विचारधारा के व्यक्तियों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिये सरकारी खजाने के दुरूपयोग का स्तरहीन आचरण किया है.