चंडीगढ़। मिसल सतलुज के यूथ विंग ने 7 दिसंबर, 2025 को हुए पंजाब पीसीएस प्रीलिम्स एग्जाम में पंजाबी और पंजाब से जुड़े कंटेंट/सवाल कम करने का मुद्दा उठाया है. उनका आरोप है कि इस मुद्दे पर 10 दिसंबर को पटियाला में पीपीएससी चेयरमैन को एक मेमोरेंडम दिया गया था. लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया. प्रीलिम्स एग्जाम में जानबूझकर पंजाबी को कम किया गया है. यह पंजाब के ग्रामीण छात्रों के साथ बेइंसाफी है.

संगठन ने मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता करके यह मुद्दा उठाया है. उन्होंने पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन (पीपीएससी) के चेयरमैन व पंजाब सरकार से पंजाबियों को परीक्षा में ग्रेस अंक देने की मांग की है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो मिसल सतलुज जल्द ही एक्शन की कॉल देगा.

मिसल सतलुज के अध्यक्ष अजयपाल सिंह बराड़ ने कहा कि पंजाब में 7 दिसंबर को हुई पीसीएस के सीएसएटी एग्जाम में पंजाबी के केवल 8 सवाल थे. 2013 में पंजाबी के 23 सवाल थे. 2015 में 19 सवाल, 2018 में 15 सवाल थे. इस बार भी कम से कम 15-20 या 23 सवाल होने चाहिए थे. लेकिन नहीं हुए. एग्जाम में पंजाबी कम करके मैथ पर फोकस किया गया है.

एग्जाम में मैथ के 64 सवाल पूछे गए हैं. जिससे गांव के छात्रों और जिनकी मैथ पर अच्छी पकड़ नहीं है, उन्हें नुकसान हो रहा है. यह पंजाबियों के साथ बड़ा भेदभाव है. इसी तरह जनरल स्टडीज (जीएस) के पेपर में पंजाब पर आधारित सिर्फ 3 सवाल पूछे गए हैं. पहले पेपर में पंजाबी इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, सिख गुरुओं और महाराजा रणजीत सिंह को नजरअंदाज किया गया.