सदर अस्पताल रांची: झारखंड की राजधानी रांची के सदर अस्पताल में साफ-सफाई और हाउसकीपिंग के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया है. Outsourcing agency मेसर्स जी एलर्ट एंड हाउसकीपिंग पर आरोप है कि उसने अधिकारियों के साथ मिलकर न केवल अस्पताल का कुल कारपेट एरिया तीन गुना बढ़वा लिया, बल्कि प्रति स्क्वायर फीट मैनपॉवर सप्लाई में भी भारी कटौती की. एजेंसी ने ठेका हासिल करने के बाद टेंडर में शुद्धिकरण का प्रस्ताव लाया और उसमें कई बदलाव कराये गये, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपए का अनुचित तरीके से मुनाफा दिया गया. इस घोटाले के सहारे एजेंसी को हर वर्ष करोड़ों की अवैध कमाई हो रही है.

JSBCCL (झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड) की पूर्व की रिपोर्ट से तुलना करने पर भी अनियमितता की पुष्टि हो गयी. आरोप है कि जब एजेंसी ने ठेका पा लिया, तो फिर टेंडर जारी होने के बाद उसमें शुद्धिकरण का प्रस्ताव लाया गया. एजेंसी का काम एक अक्तूबर 2022 से शुरू होना था. दूसरी ओर एजेंसी को काम मिलने के बाद 13 अक्तूबर 2022 को तत्कालीन उपाधीक्षक ने सिविल सर्जन रांची को सदर अस्पताल के पुराने भवन की कुल मापी की जानकारी देने के लिए पत्र लिखा.

Outsourcing agency के चयन के लिए आमंत्रित निविदा में विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये मॉडल टेंडर डॉक्यूमेंट में छेड़-छाड़ एवं झारखंड प्रॉक्यूरमेंट पॉलिसी में निहित प्रावधान का अनुपालन नहीं करने का आरोप लगाया गया है. सरकार के संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ला ने सिविल सर्जन रांची को 19 नवंबर को एजेंसी चयन के लिए आमंत्रित निविदा में अनियमितता बरते जाने की जांच करने का निर्देश दिया है.

वर्ष 2022 में हुए टेंडर में एजेंसी को पहली पाली में 100 प्रतिशत, दूसरी पाली में कुल मैन पावर का 75 प्रतिशत और रात्रि पाली यानी अंतिम शिफ्ट में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित करनी थी. एजेंसी ने शुद्धिपत्र के जरिये इसमें भी सुधार कराया. पहली पाली में 100 प्रतिशत, दूसरी में भी 100 प्रतिशत और तीसरी शिफ्ट में करीब 60 प्रतिशत मैन पावर रखने की छूट ले ली.

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