दिल्ली। देश में निजी अस्पताल अब इलाज नहीं बल्कि लूट का केंद्र बन गए हैं। कोरोना के इलाज के नाम पर अस्पतालों की लूट खसोट जारी है। ऐसे ही एक मशहूर अस्पताल का कारनामा चर्चा में है।
दरअसल, कोरोना महामारी कुछ निजी हॉस्पिटल्स के लिए कमाई का जरिया बन गई है। सरकार की तरफ से भले ही कोरोना वायरस के इलाज के लिए रेट तय कर दिए गए हों लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल्स अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे। गुरुग्राम के मशहूर मेदांता हॉस्पिटल का एक कारनामा इस समय चर्चा में है। अस्पताल ने एक कोरोना मरीज के इलाज का बिल 28 लाख रुपये थमाया। इतना ही नहीं इलाज के पूरे पैसे ना देने पर हॉस्पिटल ने मरीज को डिस्चार्ज करने से मना कर दिया और उसे बंधक बना लिया।
गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल वैसे भी इलाज के नाम पर लूट करने के लिए मशहूर है। अब फिर उसकी लूट का मामला सामने आया है। हॉस्पिटल पर आरोप है कि अस्पताल ने कोरोना मरीज का 40 दिन के इलाज का बिल 28 लाख बना दिया और फिर इलाज के पूरे पैसे नहीं देने की वजह से मरीज को डिस्चार्ज करने से मना कर दिया और उसे बंधक बनाकर रखा। इससे परेशान मरीज के घरवालों ने आपबीती मीडिया को सुनाई तब अस्पताल का कारनामा लोगों के सामने आया।