रोहित कश्यप,मुंगेली। प्रकृति को बचाने की कोशिशों को उस वक्त गहरी ठेस पहुंची, जब जिले के कोना ग्राम स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लगाए गए नन्हे पौधों को अज्ञात असामाजिक तत्वों ने रात के अंधेरे में नष्ट कर दिया। ये वही पौधे थे, जिन्हें विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर पर्यावरण संरक्षण की भावना से लगाया था और बड़े जतन से पाल-पोस रहे थे।
घटना 30 जून की रात की है, जब स्कूल परिसर में लगे सभी पौधे किसी ने जानबूझकर उखाड़ दिए या तोड़ दिए। यह केवल पौधों की क्षति नहीं है, यह एक सोच और समर्पण पर सीधा प्रहार है। प्राचार्य ने थाना जरहागांव में मामले की शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने दोषियों की पहचान कर कठोर कार्रवाई की मांग की है।


विद्यालय प्रबंधन के अनुसार इस कृत्य से न केवल भावनात्मक ठेस पहुंची है, बल्कि विद्यालय को आर्थिक नुकसान भी हुआ है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक, वनमंडलाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि और जिला शिक्षा अधिकारी को भी शिकायत की प्रतिलिपि भेजी गई है। विद्यालय के बच्चों और स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है।
दोषियों की पहचान कर कड़ी सजा देने की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि यह हरियाली को मिटाने की नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों को रौंदने की साजिश है। यही वजह है कि स्थानीय लोग और स्कूल प्रबंधन ने मांग की है कि दोषियों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें कड़ी सजा दी जाए। स्कूल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए, फिर से वृक्षारोपण कर बच्चों के विश्वास को लौटाया जाए। यह घटना हमें याद दिलाती है कि पेड़ लगाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी उन्हें बचाना भी है। प्रकृति प्रेमियों का आह्वान है कि “हर पौधा एक जीवन है, इसे बचाना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।”
ये पौधे लगाए गए थे
गुलमोहर,बादाम, कदम,पीपल,बरगद,आम,चम्पा के अलावा विदेशी पौधे भी लगाए गए थे. कुल 160 नग पौधारोपण स्कूल परिसर में हाल ही में 22 जून को किया गया था, जिसे आसामाजिक तत्वों ने बेरहमी से उजाड़ दिया है। अब दिलचस्प ये है कि पुलिस और प्रशासन ऐसे मामलों को कितना गंभीरता से लेती है।
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