भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के करेड़ा कस्‍बे से एक अच्छी खबर निकलकर आ रही है. करेड़ा कस्‍बे से करीब 12 साल पहले गुम हुई एक बच्ची अपने घर वापस लौट आई है. जब वह गुम हुई थी तो वह सिर्फ 7 साल की थी. लेकिन हैरानी की बात ये है कि अब वो 10वीं पास करके अपने घर लौटी है. बच्ची के लौट जाने से उसके माता-पिता की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं है.

बता दें कि यह पूरा मामला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के करेड़ा कस्‍बे का है. यहां साल 2009 में बक्‍शु लाल गाडरी की 7 साल की बच्‍ची मीना अपने घर के आस-पास ही खेल रही थी और लेकिन कुछ देर बाद अचानक पता चला कि वो गायब हो गई है. जिसके बाद माता-पिता ने मीना को ढूंढने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं लग पाया था.

मीडिया के अनुसार, साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद लापता बच्ची की गुमशुदगी को अपहरण में दर्ज कर एक बार फिर पुलिस ने उसे ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी सफलता नहीं मिली थी.

12 साल बाद परिवार से मिली मीना 

बता दें कि साल 2021 में कुछ दिन पहले करेड़ा पुलिस को दिल्‍ली के कश्‍मीरी गेट स्थित किलकारी रेन्बो होम से एक गुमशुदा बच्‍ची के बारे में फोन आया. पुलिस बच्‍ची के माता-पिता को साथ लेकर दिल्‍ली गई और जहां, 12 साल बाद इस बच्‍ची का अपने माता-पिता से आखिरकार मिलन हो ही गया.

मीडिया के अनुसार, इन 12 सालों में बच्‍ची ने 10वीं पास कर लिया है. हिंदी और अंग्रेजी में बात भी करने लगी है. बेटी की मिलने की आस छोड़ चुके पिता बक्‍शु लाल जब मीना से मिले, तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक रूक ही नहीं रहे थे. मीना के पिता बक्‍शु लाल गाडरी ने कहा कि साल 2009 में एक हाथी वाले यहां आए थे. इसी दौरान मेरी बच्‍ची मीना गुम हो गई थी. हमने उसकी काफी तलाश की थी, लेकिन वह कहीं नहीं मिल पाई थी. इसके बाद हमने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाया था. लेकिन अब हमें खुशी है कि हमारी बच्‍ची स‍ही सलामत वापस घर लौट आई है.

वहीं, मीना ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं दिल्ली कैसे पहुंची. दिल्ली में पुलिस ने मुझे किलकारी रेन्बो होम भेज दिया. यहां मैंने 10वीं तक पढ़ाई की. कुछ दिनों पहले ही मैंने व्‍यवस्‍थापकों को अपने घर के बार में जानकारी दी थी. उन्होंने मेरे माता-पिता से संपर्क कर मुझे यहां भेजा है. मैं अपने माता-पिता और भाई-बहनों से मिलकर बहुत खुश हूं. बनेडा थानाधिकारी सुरेन्‍द्र गोदरा ने कहा कि बालिका के हितों को ध्‍यान में रखते हुए इसे बाल कल्‍याण समिति में ले जाया जाएगा, जहां उसके बयानों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.