BJP Delhi Formula For Mission Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव-2025 (bihar vidhan sabha chunav) की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव की तैयारियां सभी पार्टियों ने अभी से शुरू कर दी है। बिहार में अपने दम पर लगातार सत्ता से दूर रहने के बाद, बीजेपी 2025 के विधानसभा चुनावों को लेकर एक नई रणनीति पर काम कर रही है। बिहार में जीत का परचम लहराने के लिए बीजेपी ‘प्रवासी फार्मूला’ अपना रही है। इस फार्मूले के तहत बीजेपी को बिहार के बाहर दूसरे प्रदेशों में रहने वाले दो करोड़ प्रवासी बिहारियों पर नजर है। इनपर डोरे डालने के लिए भाजपा बिहार दिवस (Bihar diwas) ( 22 मार्च) के दिन से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत, स्नेह मिलन’ कार्यक्रम के तहत, पार्टी देशभर में रह रहे बिहार के लोगों तक पहुंचने का प्रयास करना शुरू कर दिया है। ये बिलकुल, दिल्ली विधानसभा चुनाव के ‘चोखा-बाटी’ अभियान की तर्ज पर ही है। बीजेपी विभिन्न शहरों में बैठकें आयोजित करेगी ताकि प्रवासी बिहारियों का समर्थन प्राप्त किया जा सके।

मिशन-बिहार के तहत बीजेपी ने प्रदेश से बाहर देश के अलग-अलग राज्यों में रह रहे लोगों तक पहुंचने की रणनीति बनाई है। 22 मार्च से 30 मार्च तक बीजेपी के नेता देश के अलग-अलग राज्यों में रह रहे बिहार के लोगों के साथ बैठक करेंगे. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से इसकी हरी झंडी मिल गई है, जिसकी रूपरेखा भी बन गई है। बीजेपी ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत, स्नेह मिलन कार्यक्रम का नाम दिया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिस तरह पूर्वांचली वोटों के विश्वास जीतने के लिए बीजेपी ने ‘चोखा-बाटी’ पर चर्चा कार्यक्रम किया था। इस बहाने बीजेपी के नेताओं ने दिल्ली में रहने वाले बिहार के लोगों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें साधने में कामयाब रही है, उसी तर्ज पर देशभर में रहने वाले बिहार के लोगों के साथ संवाद स्थापित करने की स्ट्रेटेजी बनाई है। बीजेपी ने परदेस में रहने वाले बिहार के लोगों के साथ कार्यक्रम करने के लिए टीम गठित की जाएगी। हर एक कार्यक्रम के लिए एक टीम होगी, जो प्रमुख शहरों और क्षेत्रों में संवाद स्थापित करने की कोशिश करेंगे।
बीजेपी जरूर बिहार दिवस पर परदेस में रहने वाले बिहार के लोगों के लिए 9 दिन कार्यक्रम बनाए हो, लेकिन पार्टी की स्ट्रैटेजी है कि बिहार के चुनाव तक उसे यथावत बनाए रखने की है। बीजेपी की तरफ से 75 प्रवासी टोली बनाई गई है, जिसमें अगले पांच महीने तक प्रवासी टोली मुख्य रूप से पांच कार्यक्रम पर ध्यान देगी, जिसमें सबसे पहले एक भारत श्रेष्ठ भारत स्नेह मिलन कार्यक्रम होगा जो बिहार दिवस के मौके पर आगाज हो चुका है। इसके बाद अगले 5 महीना तक समय-समय पर संगठन की बैठक होगी। इसके अलावा समाज के प्रभावी लोगों को जोड़ने और साधने की कवायद भी होगी।
दो करोड़ वोटर्स को साधने का प्लान
बीजेपी के अनुमान के मुताबिक बिहार के लोग प्रदेश में करीब दो करोड़ से ज्यादा रहते हैं, जो रोजगार के लिए अलग-अलग राज्य गए हैं। ऐसे ही लोगों को साधने के लिए बीजेपी ने प्लान बनाया है, जिसके लिए 9 दिनों का कार्यक्रम बनाए गए हैं। दिल्ली में पांच, झारखंड में सात, महाराष्ट्र में सात, यूपी में 6, हरियाणा में सात, गुजरात, पश्चिम बंगाल और पंजाब में 6-6 कार्यक्रम रखे गए हैं। इसके अलावा असम, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और उत्तराखंड में भी कार्यक्रम रखे गए हैं। इन राज्यों के अलावा भी कुछ दूसरे राज्यों में बीजेपी के नेता बिहार के लोगों के साथ बैठक उन्हें अपने पाले में लाने की कवायद करेंगे।
पीएम मोदी पिछले वर्ष से ही बिहार चुनाव की कर दी थी तैय़ारी
बता दें कि पीएम मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी पिछले वर्ष से ही कर दी थी। लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी अर्ध बजट में बिहार को कई योजनाओं की सौगात दी थी। साथ ही इस वर्ष वित्त बजट में भी बिहार के कई कई योजनाओं की घोषणा हुई। वहीं पीएम मोदी के मॉरीशस दौरे पर भी बिहार चुनाव का असर दिखा। मॉरीशस में पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत भोजपुरी से की थी और वहां के प्रधानमंत्री को बिहार में बने मखाने भी भेंट किए थे। कुल मिलाकर बिहार चुनाव की गर्मी अभी से महसूस होने लगी है।
बीजेपी का पलड़ा भारी
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए गठबंधन इंडिया गठबंधन पर भारी पड़ा था। 40 विधानसभा सीटों में से NDA 31 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं इंडिया गठबंधन को महज 9 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। आरजेडी 23 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए महज 4 सीट जीत पाई थी। जबकि कांग्रेस ने 9 पर चुनाव लड़ा था और तीन पर जीत हासिल की थी। लिहाजा लोकसभा चुनाव को देखते हुए कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी का अन्य़ पार्टियों की अपेक्षा पलड़ा भारी है।
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RJD का भी हश्र आम आदमी पार्टी वाला हो सकता है
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 28 साल बाद जबरदस्त वापसी की है। 70 सीटों वाले दिल्ली में भाजपा ने एकतरफा मुकाबले में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त दी थी। भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर कब्जा जमाया था। वहीं आप पार्टी सिर्फ 22 सीटों पर सिमट कर रह गई। दिल्ली वाली ही फॉर्मूला बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव में अपना रही है। पार्टी यहां राजद को कोई भी मौका देने के मूड में नहीं दिख रही है। लिहाजा राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भाजपा का यह फॉर्मूला अगर बिहार चुनाव में चल गया तो दिल्ली के आम आदमी पार्टी के जैसा हश्र ही बिहार में राजद का हो सकता है।
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