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ललित सिंह ठाकुर, राजनांदगांव। राजनांदगांव पुलिस की साइबर सेल ने “मिशन साइबर सुरक्षा” के तहत एक और बड़ी सफलता हासिल की है। साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े एक सदस्य को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपी पीड़ितों से ठगी गई भारतीय रकम से क्रिप्टोकरेंसी खरीदकर उसे कंबोडिया स्थित चीनी साइबर ठगों के पास भेज रहा था।
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बता दें कि इससे पहले भी राजनांदगांव पुलिस ने इसी गिरोह के चार सदस्यों पर कार्रवाई कर बड़ा खुलासा किया था। यह गिरोह कंबोडिया स्थित स्कैम सेंटर के माध्यम से भारतीय नागरिकों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहा था। गिरोह द्वारा SHAADI.COM प्लेटफॉर्म, ADONI One ग्रुप और CISCO जैसी फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनियों के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही थी।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने 60 से अधिक बैंक खातों में 5 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन कर कई लोगों को ठगा है। साइबर सेल और कोतवाली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
स्टेशन रोड स्थित च्वाइस सेंटर के संचालक पीड़ित रूपेश साहू ने थाना सिटी कोतवाली, राजनांदगांव में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने पुलिस को बताया कि 22 दिसंबर 2024 को आशुतोष शर्मा नामक व्यक्ति ने धोखाधड़ी कर 90,000 रुपये उसके बैंक ऑफ बड़ौदा खाते में ट्रांसफर किए थे, जिससे उसका बैंक खाता फ्रीज हो गया। इस शिकायत के आधार पर आशुतोष शर्मा के खिलाफ अपराध क्रमांक 33/25 धारा 318(4) बीएनएस और 66(सी) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
तीन आरोपियों को पहले ही भेजा जा चुका है जेल
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर विशेष जांच टीम गठित की गई। इस टीम ने मुख्य आरोपी आशुतोष शर्मा से कड़ाई से पूछताछ की, जिसके आधार पर तीन अन्य आरोपियों श्रेणिक कुमार सांघवी (वलसाड, गुजरात), शुभम तिवारी (डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़) और दीपक नरेडी (ग्राम बसंतपुर, छत्तीसगढ़) के नाम सामने आए। जिसके बाद पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को 31 जनवरी 2025 को गिरफ्तार कर विधिवत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया।
मुंबई से मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
तीनों आरोपियों से पूछताछ के दौरान गुजरात निवासी श्रेणिक सांघवी ने बताया कि यह गिरोह कंबोडिया स्कैम सेंटर के लिए भारत में बैंक खाते उपलब्ध कराने और ठगी की गई राशि को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर वापस कंबोडिया भेजने का काम करता था।
इस खुलासे के बाद मुख्य आरोपी रोहित महेश कुमार वीरवानी को साइबर टीम ने 10 फरवरी 2025 को मुंबई के अंधेरी जोगेश्वरी वेस्ट से गिरफ्तार किया और 11 फरवरी को राजनांदगांव लाकर पूछताछ की। इसके बाद कोर्ट ने उसे 13 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा।
कैसे होती थी ठगी?
- आरोपी रोहित वीरवानी भारतीय बैंक खातों को साइबर ठगों के लिए उपलब्ध कराता था।
- ठगी के पैसे को एटीएम से निकालकर क्रिप्टोकरेंसी USDT (U.S. Dollar Tether) खरीदता था।
- इसके बाद क्रिप्टोकरेंसी को वॉलेट के जरिए अपने भारतीय और चीनी साथियों तक कंबोडिया भेजता था।
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी
पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह के कई और सदस्य भारत और विदेशों में फैले हुए हैं। मामले में अन्य संदिग्धों की पता-साजी जारी है। पुलिस ने आरोपी के पास से एक एंड्रॉइड मोबाइल फोन और चार एटीएम कार्ड जब्त किए हैं।
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