Mistakes In Parenting : पैरेंट्स होना एक बड़ी जिम्मेदारी है. हर माता-पिता अपने बच्चे को दुनिया की सभी खुशियां देना चाहते हैं. उसे अच्छी से अच्छी शिक्षा देना, जीवन में आगे बढ़ते देखना और अपना नाम बनाते देखना सभी की इच्छा होती है. जब घर में एकलौता बच्चा (Only Child) होता है तो माता-पिता की उसे सबकुछ देने की भावना तीव्र हो जाती है. चाहे देखरेख हो या चिंता, सभी जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती हैं.

ऐसे में पैरेंट्स (Parents) परवरिश की बहुत सी गलतियां भी कर बैठते हैं जिससे बच्चे पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है. आज हम आपको उन्हीं गलतियों के बारे में बताएंगे जिन्हें करने से माता-पिता को परहेज करने की कोशिश करनी चाहिए. Read more – Navratri 2023 : देवी के इन 9 बीज मंत्रों का जाप करते हुए करें मां दुर्गा से प्रार्थना, पूरे होंगे सारे काम …

बड़ी आकांक्षाएं रखना (Mistakes In Parenting)

कहते हैं अगर घर में 2-3 बच्चे हों तो माता-पिता की इच्छाएं और आकांक्षाएं सभी में बंट जाती हैं, लेकिन अगर बच्चा एकलौता हो तो हर चीज का बोझ बच्चे के नाजुक कंधों पर ही आ जाता है. बच्चा अकेले ना माता-पिता की इच्छाओं की पूर्ति कर पाता है और ना आकांक्षाओं की. कई बार तो बच्चे को माता-पिता को खुश करने के लिए अपनी इच्छाओं का गला घोंटना पड़ जाता है. इसलिए बच्चे से ज्यादा अपेक्षा न करें.

जरूरी शिष्टाचार ना सिखाना

कई बार अपने एकलौते बच्चे के लाड़ में और उसे कभी किसी बात का कष्ट ना हो इस सोच से पैरेंट्स बच्चे की परवरिश में एक बड़ी चूक कर देते हैं जोकि है उसे शिष्टाचार ना सिखाना. बच्चे से आपको चाहे कितना ही प्यार हो लेकिन उसे दूसरों का सम्मान (Respect) करना सिखाना, अपनी गलती पर माफी मांगना, किसी के साथ कुछ बुरा ना करना और दोस्ती व रिश्तों का मूल्य समझाना जरूरी है. Read More – Innocent Actor Death : 75 वर्षीय पूर्व संसद सदस्य लोकसभा और एक्टर का निधन, कई दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि …

बच्चे को मनमानी करने देना (Mistakes In Parenting)

ऐसा कई बार देखा गया है कि बच्चा एकलौता हो तो उसकी हर गलती माता-पिता नजरंदाज करते जाते हैं और बजाय उसे डांटने के लाड़ करते रहते हैं. इस लाड़-प्यार से बच्चे मनमानी करने लगते हैं और आमतौर पर किसी तरह के नियम मानने को तैयार नहीं होते, चाहे ये नियम घर के हों या स्कूल के. इसलिए जरूरी है कि पैरेंट्स बच्चे के साथ सख्ती ना सही लेकिन सूझबूझ भरा सलीका अपनाएं जिसमें बच्चे को सही-गलत की समझ हो.

जरूरत से ज्यादा करना

माता-पिता हर इमोशन को जरूरत से ज्यादा महसूस करने लगते हैं. बच्चे की सुरक्षा या पढ़ाई या फिर भविष्य की चिंता पैरेंट्स को कुछ ज्यादा ही परेशान कर देती है. इससे पैरेंट्स तो परेशान होते ही हैं साथ ही बच्चे को एंजाइटी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. बच्चा माता-पिता की इस चिंता से बचने के उपाय ढूंढने लगता है जोकि कई बार उसके लिए तनावपूर्ण होता है.