कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। शासकीय धनराशि निकालकर उससे निर्माण कार्य पूरा न कराने और उस शासकीय धन का दुरूपयोग करने वाली पूर्व महिला सरपंचों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। इस कड़ी में जिला पंचायत ग्वालियर के सीईओ (CEO) आशीष तिवारी ने पंचायती राज अधिनियम की धारा-92 के तहत तीन ग्राम पंचायतों की पूर्व सरपंचों को जेल भेजने के लिये अलग-अलग वारंट (अलग-अलग आदेश) भी जारी किये है।

इनमें जिले की जनपद पंचायत डबरा की ग्राम पंचायत झाड़ौली की पूर्व सरपंच मीरा जाटव ने सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत स्वीकृत एक शासकीय माध्यमिक विद्यालय झाडौली अतिरिक्त कक्ष, शासकीय माध्यमिक विद्यालय झाडौली प्रधान अध्यापक कक्ष की कुल राशि एक लाख 98 हजार 600 रूपए कार्य से अधिक निकालकर निर्माण कार्य भी पूरा नहीं किया। उस राशि को अनाधिकृत रूप से अपने पास रखकर शासकीय रकम एक लाख 98 हजार 600 को हड़प लिया।

वहीं जनपद पंचायत भितरवार की ग्राम पंचायत दुबहाटांका की पूर्व सरपंच पुष्पा रावत द्वारा ने आंगनबाड़ी भवन रावत मोहल्ला दुबहाटांका, आंगनबाड़ी भवन अनुसूचित जाति बस्ती की राशि 6 लाख 39 हजार 261 रूपए की राशि निकालकर गुणवत्ता पूर्ण निर्माण कार्य न करते हुए शासकीय धनराशि का दुरूपयोग कर गंभीर वित्तीय अनियमितता की गई। पुष्पा पूर्व सरपंच ने निकाली गयी रकम में बची रकम को भी शासकीय कोष में जमा न करते हुए शासकीय धनराशि का दुरूपयोग कर हड़प लिया।

इसी प्रकार ग्राम पंचायत जग्गूपुरा की पूर्व सरपंच शीला गुर्जर ने सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत स्वीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय भवन जग्गूपुरा और अन्य निर्माण कार्यों की राशि 4 लाख 96 हजार 766 रुपये निकालकर निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया। जिसमें हिस्सा आधी राशि 2 लाख 48 हजार 33 शासकीय कोष में जमा नहीं कराई गई। इस तरह पूर्व सरपंच ने कुल राशि 2 लाख 48 हजार 383 को हड़प लिया, लिहाजा इन सभी पूर्व महिला सरपंचों के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण पंजीबद्ध कर इस राशि चुकाने के लिए समय दिया गया। उसके वाबजूद रकम नहीं चुकाई।

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ऐसे में इन प्रकरण में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी साबित होने के कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश जारी कर 15 कार्यालयीन दिवस में शासकीय कोष में जमा करने के लिए आदेशित किया गया था। उसके वाबजूद पूर्व महिला सरपंचों ने राशि जमा नहीं कराई। इसके बाद विहित प्राधिकारी और सीईओ जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की उप धारा 2 के अधीन इन तीनों पूर्व सरपंचों को जेल में सुपुर्द करने के अलग-अलग वारंट जारी कर दिए।

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