Bihar News: बिहार के दरभंगा से चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है. दरअसल दरभंगा स्थित मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर इम्बेसात शौकत पर अवैध तरीक़े से दूसरों की ज़मीन हड़पने और उसे कॉलेज कैंपस में मिलाने के गंभीर आरोप लग रहे हैं. साथ ही अपने गुर्गों के ज़रिए दूसरों के साथ मारपीट करने और झूठे मुकदमे में फंसाने के भी आरोप हैं.

इसी के मद्देनजर इम्बेसात शौकत और उसके गुर्गों के ख़िलाफ़ मामला भी दर्ज कराया गया है. वहीं दूसरी तरफ अपनी इसी दबंगई को दिखाते हुए कॉलेज के एमडी इम्बेसात शौकत ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर कैंसर पीड़ित और विधवा शहनाज़ बानो की ज़मीन पर रात के अंधेरे में जेसीबी चलवा दी ताकि उसकी ज़मीन को हड़पा जा सके.

कई लोगों की जमीन पर किया अवैध कब्जा

ज़मीन हड़पने की कोशिश की नियत से ही कॉलेज के डायरेक्टर इम्बेसात शौकत ने शहनाज़ बानो की ज़मीन पर बिजली विभाग की मिलीभगत से अपने कॉलेज का निजी ट्रांसफॉर्मर भी लगवा दिया है. इतना ही नहीं उनकी ज़मीन को कूड़ेदान की तरह इस्तेमाल करते हुए उसपर कूड़ा भी फेका जा रहा है. साथ ही जिस जगह पर अवैध तरीक़े से इम्बेसात शौकत ने ट्रांसफार्मर लगवा दिया है और वहीं पर कॉलेज का वेस्टेज भी फेंका जा रहा है.

मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर इम्बेसात शौकत ने नारायण साह और राजेश कुमार समेत कई और लोगों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है. इम्बेसात शौकत ने तो अपनी दबंगई की सारी हदें पार करते हुए नारायण साह की ज़मीन को पूरी तरह से कॉलेज कैंपस में मिला लिया है, जिसके खिलाफ नारायण साह ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है, जबकि राजेश कुमार ने भी इम्बेसात शौकत की दबंगई के खिलाफ प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप

डेंटल कॉलेज ने लहेरियासराय से समस्तीपुर जाने वाली मुख्य सड़क की ज़मीन और शहर के पानी के निकासी के लिए बने सरकारी नाले पर अवैध रूप से निर्माण कर अतिक्रमण कर रखा है. वहीं, दूसरी तरफ डेंटल कॉलेज के छात्रों ने एमडी इम्बेसात शौकत पर भारतीय तिरंगे का अपमान करने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है. छात्रों ने डेंटल कॉउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिख कर शिकायत करते हुए एक्शन लेने की मांग की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

हैरत की बात यह है कि दरभंगा स्थित मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज के खिलाफ निगरानी विभाग के ज़रिए चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है, जिसमें मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज को पूरी तरह से फ़र्ज़ी बताया गया है. बावजूद इसके कॉलेज को डीसीआई यानी डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता मिली हुई है. यहां तक कि डीसीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में जिस पांच एकड़ ज़मीन को कॉलेज का दर्शाया था, उसका विवरण मांगने पर डीसीआई ने ज़मीन से संबंधित पेपर उपलब्ध नहीं होने का जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिया. ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि अगर ज़मीन का पेपर उपलब्ध नहीं है तो फिर जांच रिपोर्ट में ज़मीन को कॉलेज का कैसे दर्शा दिया गया?

छात्रों से अवैध वसूली का आरोप

वहीं, कॉलेज के डायरेक्टर इम्बेसात शौकत पर मनी लॉन्ड्रिंग के भी गंभीर आरोप लग रहे हैं. साथ ही बिहार के दरभंगा स्थित मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज में नामांकन में गड़बड़ी और छात्रों से अवैध वसूली के भी गंभीर आरोप है, जिसका ज़िक्र निगरानी विभाग के चार्जशीट में भी किया गया है. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि आखिर कब मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर इम्बेसात शौकत के फर्जीवाड़े और आतंक के राज का खात्मा होगा?

सुशासन का दावा करने वाले नीतीश सरकार के नाक के नीचे मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज का मैनेजिंग डायरेक्टर इम्बेसात शौकतगरीब और बेबस लोगों की जमीन हड़पने के साथ-साथ खुलेआम दबंगई कर रहा है. वहीं, लाख शिकायत के बावजूद प्रशासन न तो उसके खिलाफ कोई एक्शन ले रही है और ना ही उसे ऐसा करने से रोक रही है. ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या इम्बेसात शौकत को नीतीश सरकार से संरक्षण प्राप्त है, जो इस तरह से वह खुलेआम लोगों की जमीन पर कब्जा करने के साथ-साथ कई तरह के गैर कानूनी काम कर रहा है?

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