मुंबई. टिकटॉक के लगातार अनस्टॉल होने की वजह से गूगल प्ले स्टोर में ऐप की रेटिंग काफी कम हो गई है. इसका सबसे प्रमुख कारण टिकटॉक की यूट्यूब के बीच की लड़ाई को बताया जा रहा है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल-वोकल वाले बयान के बाद लोगों ने टिकटॉक एप को डिलीट करना शुरू कर दिया है

इसी बीच 50 लाख से ज्यादा भारतीयों ने मित्रों एप (Mitron App) डाउनलोड शुरू कर दिया है. लोगों को इस बात का भ्रम है कि उक्त ऐप प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में किसी भारतीय ने लॉंच किया है. लेकिन जब आप इस ऐप की सच्चाई जानेंगे तो चौक जाएंगे.
जिस मित्रों एप को आप मेड इन इंडिया मानकर डाउनलोड कर रहे हैं, वह वास्तव में इंडिया का है ही नहीं. ये ऐप हमारे सबसे बड़े दुश्मन देश यानी पाकिस्तान का है.

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न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक Mitron App एप को पाकिस्तानी सॉफ्टवेयर डेवलपर इरफान शेख से खरीदा गया है, जबकि दावा किया गया था कि इस एप को आईआईटी, रुड़की के एक छात्र शिवांक अग्रवाल ने तैयार किया है. आपको बता दें कि मित्रों एप का असली नाम TicTic एप है जिसे पाकिस्तान के इरफान शेख की कंपनी Qboxus ने तैयार किया था. इरफान शेख ने इस एप के सोर्स कोड को 34 डॉलर्स यानी करीब 2,500 रुपये में किसी को बेच दिया. अब यहां समस्या को डेवलपर और पाकिस्तान से नहीं है, समस्या है प्राइवेसी और मेड इन इंडिया के नाम पर प्रचार करने की. सच तो यह है कि पाकिस्तानी टिकटिक एप में कोई बदलाव ही नहीं किया गया है. सिर्फ टिकटिक का नाम मित्रों रख दिया गया है.

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यदि आप गूगल प्ले-स्टोर पर जाकर मित्रों एप की प्राइवेसी पॉलिसी पर क्लिक करें तो आपको shopkiller.in का लिंक मिलेगा लेकिन यह लिंक ब्लैंक है. इसका मतलब यह है कि मित्रों एप की कोई प्राइवेसी पॉलिसी ही नहीं है.
ऐसे में आपको नहीं पता कि मित्रों एप पर आपके द्वारा अपलोड किए गए वीडियो का इस्तेमाल कहां और किस तरीके से होगा. इसके अलावा मित्रों एप को भारत में किसने खरीदा और किसने गूगल प्ले-स्टोर पर पब्लिश किया है, यह अभी भी एक राज ही है.
यानी स्पष्ट है कि यदि आप भी मित्रो ऐप को चला रहे है, तो इसकी सेफ्टी को लेकर सावधान हो जाए.