हेमंत शर्मा, इंदौर। विधायक आकाश विजयवर्गीय (MLA Akash Vijayvargiya) बल्ला कांड मामले में नया ट्वीस्ट आ गया है। बल्ला कांड का वीडियो राजनीतिक दबाव में कोर्ट में पेश नहीं हो पाया है। राजनीतिक रसूख में निगम का रिमूवल भवन निरीक्षक धीरेन्द्र दब गया। वीडियो इंदौर जिला कोर्ट ( Indore District Court) में पेश नहीं किया गया है। भवन निरीक्षक धीरेन्द्र बायस ने कोर्ट में दिए बयान में कहा कि आकाश विजयवर्गीय का बल्ला मारते हुए वीडियो वायरल हुआ है, लेकिन वीडियो ओरिजनल ही है उसकी कोई ऑथेंटिसिटी नहीं है। मैं उस समय मोबाइल पर बात कर रहा था। जब मुझे बैट लगी तो पलट के देखा। सबसे नजदीक मेरे आकाश विजयवर्गीय बैट लेकर खड़े थे। उनके कुछ अन्य साथी भी डंडे लेकर खड़े थे।
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भवन निरीक्षक धीरेन्द्र बायस ने कहा कि वीडियो वायरल हुआ है लेकिन पूरा वीडियो कोर्ट में नहीं है। अगर कोई पेश कर दे तो कर सकता है। घटना के वक्त सबसे नजदीक आकाश विजयवर्गीय ही थे। लेकिन मुझे बैट से किसने मारा ये मैंने नहीं देखा।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला जून 2019 का है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। इंदौर के एमजी रोड थाना क्षेत्र स्थित जेल रोड में नगर निगम की रिमूवल टीम कार्रवाई कर रही थी। इसी दौरान MLA आकाश विजयवर्गीय बैट लेकर अपने समर्थकों के साथ पहुंच जाते हैं। रिमूवल कार्रवाई के दौरान भवन निरीक्षक धीरेन्द्र बायस की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई कर दी थी। पूरा मामला सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद थाने तक पहुंचा था। उसके बाद एमजी रोड पुलिस ने विधायक आकाश विजयवर्गीय पर सरकारी कार्य मे बाधा का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर इंदौर जिला कोर्ट में पेश किया था।
पीएम मोदी ने भी की थी निंदा
बल्ला कांड के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने भी विधायक आकाश विजयवर्गीय की निंदा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था बेटा किसी का भी हो ऐसा करने वालों को पार्टी से निकाल देना चाहिए।
विधायक आकाश विजयवर्गीय को जाना पड़ा था जेल
इंदौर जिला कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए विधायक आकाश विजयवर्गीय को जेल भेज दिया था। इसके बाद विधायक आकाश विजयवर्गीय ने भोपाल एमपी एमएलए कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की। जिसके बाद भोपाल कोर्ट से विधायक की जमानत हुई थी। पूरा मामला तब का है, जब 15 महीनों की कांग्रेस सरकार मध्यप्रदेश में काबिज़ थी। पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। वीडियो के आधार पर पुलिस ने भी कड़ी कार्रवाई करते हुए विधायक को गिरफ्तार किया था। अब कोर्ट में पूरे मामले में न्यायधीश अरविंद गुर्जर की कोर्ट में फरियादी धीरेन्द्र बायस से प्रतिपरीक्षण 2 घण्टे हुआ।
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