सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम ने फिर एक बार अपनी ही सरकार एवं मुख्यमंत्री के खिलाफ मौर्चा खोल दिया है. हेमंत सोरेन सरकार के लगभग 4 वर्ष पूरे होने को हैं. ऐसे में चुनावी वादे की याद दिलाते हुए उन्हीं के दल के विधायक ने मुख्यमंत्री पर वादा खिलाफी का गंभीर आरोप लगाया है. हेंब्रम ने कहा कि झामुमो ने अपने घोषणा पत्र में 5 लाख युवाओं को प्रतिवर्ष सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, जो अब तक खोखला ही साबित हुआ है. हकीकत ये है कि सरकार में अलग-अलग लेवल पर लगभग 3 लाख से ज्यादा रिक्त पद हैं, जिन पर नियुक्ति के लिए इश्तेहार नहीं निकाले जा रहे हैं.
हेंब्रम ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार द्वारा नियुक्ति पत्र बांटने के जो बड़े-बड़े विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित कराए जा रहे हैं, दरअसल रघुवर दास सरकार के समय वह नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गई थी. कोर्ट के आदेश पर हेमंत ने नियुक्ति के उन आदेशों को अब जाकर अपना उपलब्धि बताकर नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं. उनका आरोप है कि आदिवासियों की सरकार में आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया गया है. युवाओं को रोजगार देने की बात हो या फिर स्थानीय नीति लागू करने की बात हो, सोरेन सरकार ने आदिवासियों को जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं, निराश किया है.
आदिवासियों के साथ धोखा CM ने वादे पूरे नहीं किए
हेंब्रम ने कहा कि हेमंत सोरेन ने स्थानीय नीति लागू नहीं करने पर 2013 में अर्जुन मुंडा की सरकार गिरा दी थी. इसके बाद खुद 14 माह सरकार में रहे लेकिन स्थानीय नीति को लागू नहीं किया. अब जबकि दूसरे टर्म में सरकार 4 वर्ष पूरे करने को है, सोरेन अभी भी स्थानीय नीति लागू नहीं कर पाए हैं.