पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में बसपा को मिली एकमात्र जीत ने पार्टी के विधायक सतीश कुरार उर्फ पिंटू यादव को चर्चा में ला दिया है। लेकिन इस बार सुर्खियों में उनकी जीत नहीं, बल्कि मायावती से मुलाकात के दौरान उनका घुटनों के बल बैठकर प्रणाम करने वाली तस्वीर है जो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई। तस्वीर सामने आते ही तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं उमड़ने लगीं किसी ने इसे अतिशयोक्ति बताया तो किसी ने इसे उनकी निष्ठा का प्रतीक।
खुले शब्दों में अपनी सफाई दी
विवाद बढ़ता देख विधायक सतीश कुरार सामने आए और खुले शब्दों में अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि तस्वीर में दिखा प्रणाम किसी दिखावे का हिस्सा नहीं बल्कि उनके संस्कारों का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा, मायावती मेरी मां के समान हैं उनकी उम्र भी मेरी मां जितनी है। अपनी मां को दंडवत प्रणाम कर लेना कौन सा गुनाह है? जो लोग आज सवाल उठा रहे हैं वही लोग मंचों से संस्कार की बातें करते हैं।
बहन को प्रणाम करता हूं
पिंटू यादव यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि वह अपने पूरे क्षेत्र में रहने वाली माताओं-बहनों को भी सम्मान स्वरूप पैर छूते हैं। यह संस्कार मेरे खून में है। मैं हर मां और बहन को प्रणाम करता हूं। इसमें गलत क्या है? जिसकी जैसी मानसिकता होती है वह वैसा ही सोचता है।
राजनीति में कदम रखा
उन्होंने मायावती के संघर्ष और योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि एक दलित परिवार से आने वाली महिला जिसने IAS की तैयारी छोड़कर राजनीति में कदम रखा और चार बार देश के सबसे बड़े राज्य की मुख्यमंत्री बनी वह उनके लिए सिर्फ नेता नहीं बल्कि एक प्रेरणा और समाज की आइकन हैं। अपनी बात समाप्त करते हुए विधायक ने कहा मायावती त्याग और समर्पण की प्रतिमूर्ति हैं। मैं उन्हें एक बार नहीं, हजार बार दंडवत प्रणाम करने में भी संकोच नहीं करूंगा।
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