पी. रंजनदास, बीजापुर. विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि रविवार को कुटरू में घटना घटी, जिसमें दीपक ईस्ता अपने भतीजे के उपचार के लिए भाजपा नेता कमलेश मण्डावी जो वैद्य का काम करता है उसके घर गया था. यहां दोनों के बीच उपचार को लेकर विवाद हुआ था. इस घटना को लेकर भाजपा और महेश गागड़ा ने नक्सली घटना बताकर कांग्रेस पार्टी एवं कांग्रेस सरकार, कांग्रेस नेताओं को अपने राजनैतिक लाभ के लिए बदनाम करने की कोशिश की है. भाजपा के इस कृत्य का विक्रम मंडावी ने निंदा की है.
विधायक मंडावी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अहिंसा के रास्ते पर चलने वाली पार्टी है. भाजपा आरएसएस की तरह नाथूराम गोडसे को मानने वाली पार्टी है, जो केवल हिंसा को समर्थन देते हैं. विक्रम मंडावी ने प्रेसवार्ता में कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 15 वर्षों के शासनकाल में भाजपा नेता स्व. जगदीश कोंड्रा, स्व. रामसाय मंज्जी, स्व. महेश पुजारी नक्सली घटनाओं में मारे गए. इसके अलावा हमारे कांग्रेस के भी कई बड़े नेता मारे गए, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने कभी भी इन घटनाओं को लेकर राजनीति नहीं की.
विक्रम मंडावी ने आगे कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से जिलेभर में बड़े पैमाने पर विकास कार्य हुए हैं. जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हुआ है. इन साढ़े 4 वर्षों में हमारी सरकार ने जनता का विश्वास जीता है. इससे भाजपा, महेश गागड़ा घबराकर जिले में नक्सली घटनाओं के नाम पर लोगों के बीच कांग्रेस पार्टी एवं कांग्रेस सरकार को षडयंत्र कर बदनाम करने का काम कर रही है, जिसमें भाजपा और महेश गागड़ा कभी सफल नहीं होंगे. भाजपा का षडयंत्र कुटरू की घटना से उजागर हो गई है.
उन्होंने कहा, भाजपा और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा सहित कुछ तथाकथित लोग लगातार जिले के कांग्रेस नेताओं के खिलाफ षडयंत्र रच रहे हैं. इस पूरे घटना के पीछे मूल कारण यह है कि महेश गागड़ा अपनी ही पार्टी के अंदर भय और डर का माहौल बनाकर टिकट पाना चाहते हैं. विक्रम मंडावी ने आगे कहा, जिले में महेश गागड़ा ने अपना जनाधार खो दिया है. जनता पूर्ण रूप से कांग्रेस एवं भूपेश सरकार के साथ है. आने वाले समय में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी बीजापुर सहित पूरे प्रदेश में जीत का परचम लहरायेगी.
वहीं विधायक के बयान पर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने पलटवार किया है. गागड़ा ने कहा कि घटनाओं की सत्यता उजागर होनी चाहिए. दहशत का पर्याय कौन बना हुआ है. बीजापुर की जनता इससे भलीभांति वाकिफ है. रही बात जनाधार खिसकने , राजनीतिक लाभ लेने की तो विधायक अपनी स्थिति का आंकलन करें. जनता सब कुछ समझ रही. 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि आखिर जनता किसके साथ खड़ी है.
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