कुमार इंदर,मंडला। मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं 2018 से 2023 के इस कार्यकाल का साढ़े चार साल बीत चुका है साल खत्म होते-होते जनता फिर अपनी सरकार चुनेगी यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है एमपी की 230 विधानसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है, कौन सा विधायक कितने पानी में है ? इन सभी का जवाब अब विधायक जी का रिपोर्ट कार्ड (vidhayak ji ka Report Card) देगा. लल्लूराम डॉट कॉम आपको सूबे के सभी विधायकों की परफॉमेंस और उनके क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों के बारे में बताने जा रहा है. विधायक जी का Report Card में आज बात मंडला के निवास विधानसभा सीट की.
निवास विधानसभा
मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में 3 विधानसभा क्षेत्र हैं. जिसमें से निवास विधानसभा क्षेत्र भी काफी अहम हैं, क्योंकि निवास विधानसभा क्षेत्र केंद्रीय मंत्री और मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते का गढ़ है. न केवल मंडला को उनका गढ़ माना जाता है, बल्कि निवास विधानसभा क्षेत्र में खिन्हा रिपटा गांव में ही केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का पैतृक गांव भी है. यहां 74 प्रतिशत आदिवासी वोटर ही तय करते हैं कि उनका विधायक कौन होगा. अभी यहां पर अशोक मर्सकोले कांग्रेस से विधायक हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अशोक मर्सकोले ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के भाई रामप्यारे कुलस्ते को शिकस्त देकर निवास विधानसभा में कांग्रेस का परचम लहराया था.
2018 के विधानसभा चुमाव में कांग्रेस विधायक अशोक मर्सकोले को 91 हज़ार यानी 47.94% वोट मिले थे, जबकि 2018 में भाजपा के रामप्यारे कुलस्ते को 62 हज़ार 692 यानी की 33.02% वोट मिले थे. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी रामू लाल कुलस्ते को 21 हजार 852 11.51% वोट मिले थे. जबकि बसपा की टिकट से हाथ आजमाने वाली अनीता उइके को 3 हज़ार 715 यानी 1.96% वोट मिले थे. निवास विधानसभा क्षेत्र में साल 2011 की जनगणना और पिछले चुनाव के अनुसार कुल 2 लाख 40 हज़ार से ज्यादा वोटर हैं.
केंद्रीय मंत्री का गढ़ फिर भी लोगों में नाराजगी
मध्यप्रदेश का मंडला जिला जो कि केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद यहां से 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी शिकस्त मिली थी. लोगों में नाराजगी हैं. कुलस्ते परिवार पर शहर की अनदेखी का आरोप लग रहा है. यहां के कुछ लोगों का कहना है कि कुलस्ते परिवार ने सिर्फ अपना और अपने करीबियों का भला किया है.
मंडला जबलपुर हाईवे को लेकर नितिन गडकरी ने मांगी थी माफी
मंडला-जबलपुर हाईवे रोड अधूरा होने के कारण लोगों में नाराजगी है. यही नहीं इसी रोड की गुणवत्ता को लेकर नितिन गडकरी ने जबलपुर दौरे के दौरान माफी भी मांगी थी. करोड़ों रुपए की लागत से बननी वाली सड़क की गुणवत्ता ऐसी थी कि नितिन गडकरी को मंच से ही लोगों को माफी मांगी पड़ी थी. उसके बाद से ही सवाल उठने लगे थे कि आखिर केंद्रीय मंत्री के गढ़ होने के बावजूद भी सड़क बनाने में इस तरह का भ्रष्टाचार किया गया है.
विधानसभा में पलायन भी एक बड़ा मुद्दा
निवास विधानसभा क्षेत्र में रोजगार के कोई साधन नहीं होने के चलते यहां से पलायन एक बड़ा और अहम मुद्दा है. रोजगार की तलाश में निवास जिले के आदिवासी रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने के लिए मजबूर है. रोजगार के कोई साधन ना होने को लेकर भी यहां के लोगों में खासी नाराजगी है. निवास विधानसभा में आने वाली मनेरी के उद्योग कारखानों में स्थानीय लोगों को काम न मिलना भी एक मुद्दा है.
चुटका परमाणु संयंत्र को लेकर भी नाराजगी
चुटका परियोजना संयंत्र का विरोध करने वाले चुटका परमाणु परियोजना संघर्ष समिति का कहना है कि केंद्र सरकार सारे मानवीय मूल्यों को ताक पर रखकर चुटका परियोजना शुरू कर रही है, जबकि ना तो अभी विस्थापित ग्रामीणों को पर्याप्त मुआवजा दिया गया है और ना ही उनकी व्यवस्था की गई है. इस परियोजना से चुटका सहित 54 आदिवासी गांवों के लगभग 60 हजार लोगों पर परमाणु विकिरण का खतरा पैदा हो सकता है. आशंका है कि इस रेडिएशन का असर चुटका गांव के आसपास के 30 किलोमीटर दायरे तक हो सकता है. यही कारण है कि इन 54 गांवों में से चार गांव चुटका, टाटीघाट, कुंडा गांव और मानेगांव 1990 में नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध के कारण पहले ही विस्थापित हो चुके हैं. अब ये दूसरी बार विस्थापित होने के कगार पर खड़े हैं.
निवास विधानसभा में वनोपज का सही मैनेजमेंट नहीं
कांग्रेस विधायक अशोक मर्सकोले का कहना है कि निवास विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ने वनोपज का भंडार है, लेकिन यहां का प्रशासन और सरकार इन वन उपज का सही मैनेजमेंट नहीं कर पा रही है. विधायक का कहना है कि यहां के पारंपरिक और नेचुरल वनोपज की अनदेखी कर ज्यादातर हिस्से में सागवान के पेड़ लगाए जा रहे हैं. जिससे न केवल आदिवासियों की पारंपरिक वनोपज खत्म हो रही है, बल्कि निवास की पहचान लिमिट की जा रही है.
मूलभूत सुविधा से मेहरू में मंडला का निवास
मंडला जिले के अंतर्गत आने वाली निवास विधानसभा क्षेत्र में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. निवास के लोगों का कहना है कि निवास में न तो पीने का साफ पानी है ना ही स्वास्थ्य के लिए कोई बेहतर व्यवस्था और ना ही एजुकेशन के लिए कोई अच्छे से संस्थान है. जबलपुर से मंडला अच्छी बस कनेक्टिविटी न होने के कारण भी लोगों में नाराजगी है.
विधायक ने सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप
कांग्रेस विधायक अशोक मर्सकोले ने भाजपा सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार यहां पर कांग्रेस विधायक होने के कारण उनकी मांगों पर विचार नहीं कर रही है. कई बार विधानसभा में मुद्दा उठाने के बाद भी उनकी योजनाओं को मंजूरी नहीं दी जाती है. इसके चलते निवास विधानसभा क्षेत्र विकास के काम रुके हुए हैं.
विधायक जी के काम को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया
कांग्रेस विधायक अशोक मार्सकोले के कामकाज को लेकर निवास विधानसभा क्षेत्र की जनता की प्रतिक्रिया मिली-जुली है. निवास विधानसभा क्षेत्र में एक तिहाई जनता ऐसी भी है, जो अभी अपने पत्ते नहीं खोलना चाहती यानी की चुनाव के वक्त ही वह बताएगी कि उनका वोट किसे जाएगा. यहां की एक तिहाई जनता का कहना है कि यदि मंडला जिले के निवास विधानसभा सीट भाजपा को जितनी है, तो उन्हें कुलस्ते परिवार से अलग किसी दूसरे प्रत्याशी को टिकट देना होगा.
निवास अब तक विधानसभा चुनाव परिणाम
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