आशुतोष तिवारी, अंतागढ़। 2018 विधानसभा चुनाव में प्रदेश के आदिवासी बहुत विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की थी. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 29 विधानसभा सीटों में से 27 सीटों पर मिली जीत ने कांग्रेस को सीधे सत्ता पर बिठा दिया. इन्हीं सीटों में से एक अंतागढ़ का बहीखाता पेश कर रहे हैं.

विधानसभा का इतिहास

कांकेर जिले की एसटी आरक्षित अंतागढ़ विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है. चुनाव हो या फिर उपचुनाव बीजेपी ने हर बार यहां पर जीत दर्ज की, लेकिन 2018 में कुछ ऐसी हवा बही की कांग्रेस के अनूप नाग ने बीजेपी के विक्रम उसेंदी को आसानी से हरा दिया है. अनूप नाग ने 13 हजार 414 मतों के अंतर से यह जीत हासिल की.

अनूप नाग को कुल 57 हजार 61 वोट मिले, जबकि विक्रम उसेंडी को 43 हजार 647 वोट मिले थे. वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी के विक्रम उसेंडी ने 53 हजार 477 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस के मंतूराम पवार को 5 हजार 171 मतों के अंतर से हराया. वहीं 2014 में यहां हुए उपचुनाव में भी बीजेपी के भोजराज ने जीत दर्ज की थी.

अंतागढ़ विधानसभा में कुल 1 लाख 46 हजार 653 मतदाता हैं, जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 75,201 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 71,452 है. जातिगत समीकरणों की बात करें तो 70 प्रतिशत मतदाता अनुसूचित जनजाति के हैं, तो 20 प्रतिशत ओबीसी और 10 प्रतिशत सामान्य वर्ग के हैं.

विधानसभा की विशेषता

अंतागढ़ विधानसभा में सैकड़ों साल पुरानी देवनी डोकरी मंदिर स्थापित है. इस मंदिर से अंतागढ़वासियों के साथ ही आसपास के लोगों की श्रद्धा जुड़ी हुई है. खान-पान की बात करें तो यहां के रहवासी चापड़ा चटनी के साथ सल्फी का स्वाद लेते हैं. खेती-किसानी की बात करें तो इस विधानसभा में बहने वाली जोगी धारा नदी से कछनार एरिया के लोग अपनी खेतों का सिंचाई करते हैं. यही नहीं इस क्षेत्र में आज़ादी से पहले से ही अस्पताल और थाना मौजूद है.

विधानसभा की समस्या

अंतागढ़ विधानसभा की सबसे बड़ी समस्या पीने की पानी की है. लोग कुआं के पानी पर आश्रित रहते हैं. सिंचाई के लिए नदी किनारे बिजली खंभा लगाने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हुआ है. इसके अलावा रोड की परेशानी भी इस विधानसभा में है. बरसात के मौसम में कीचड़ से होते हुए पार करना पड़ता है. इसके अलावा सिंचाई का कोई साधन नहीं होने की वजह से विधानसभा के कई क्षेत्र में किसान भगवान भरोसे करते हैं.

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