निशांत राजपूत, सिवनी। मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 से 2023 के इस कार्यकाल का साढ़े चार साल बीत चुका है। साल खत्म होते-होते जनता फिर अपनी सरकार चुनेगी. यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है। एमपी की 230 विधानसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है, कौन सा विधायक कितने पानी में है ? इन सभी का जवाब अब विधायक जी का रिपोर्ट कार्ड (vidhayak ji ka Report Card) देगा. लल्लूराम डॉट कॉम आपको सूबे के सभी विधायकों की परफॉमेंस और उनके क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों के बारे में बताने जा रहा है। विधायक जी का Report Card में आज बात सिवनी विधानसभा सीट की.
सिवनी विधानसभा की बात करें तो पिछले चुनाव में बीजेपी के मुनमुन राय ने यहां जीत हासिल की थी। बता दें कि यह वही मुनमुन राय हैं, जिन्होंने 2013 में निर्दलीय लड़कर बीजेपी-कांग्रेस को मात दी थी, लेकिन 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी के टिकट से लड़कर विधायक बने। वहीं सिवनी विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए दूर का ख्वाब ही लगती है. हम इसलिए ऐसा कह रहे हैं क्योंकि कांग्रेस के विधायक रमेश चंद्र जैन यहां 1985 के चुनाव में जीते थे जो कि 1990 तक विधायक रहे, इसके बाद 3 दशक बीत चुके हैं, लेकिन अब तक यहां कांग्रेस की वापसी नहीं हुई है.
वहीं इस बार यहां से दावेदारों की बात की जाए तो दोनों ही पार्टी यानी बीजेपी कांग्रेस में दावेदारों की फेहरिस्त लंबी नजर आती है. बीजेपी से दिनेश राय मुनमुन जो कि वर्तमान विधायक हैं उनका टिकट लगभग पक्का नजर आता है, लेकिन बीजेपी अध्यक्ष आलोक दुबे, पूर्व बीजेपी जिला अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी, पूर्व सांसद नीता पटेरिया भी चुनाव से पहले अब टिकट को लेकर एक्टिव नजर आ रहे हैं. सूत्रों की माने तो सिवनी बालाघाट सांसद ढाल सिंह बिसेन भी सीट को लेकर खासी दिलचस्पी रख रहे हैं. इधर कांग्रेस की बात की जाए तो यहां भी दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है. कांग्रेस के पूर्व यानी 2018 विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी मोहन चंदेल फिर से टिकट की मांग कर रहे हैं.. इसके अलावा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार खुराना भी चुनाव लड़ना चाहते हैं. कद्दावर नेता राजा बघेल भी अहम दावेदार हैं. यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आनंद पंजवानी भी युवाओं में अच्छी खासी पैठ बना कर रखे हैं. वो भी टिकट की दावेदारी कर सकते हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का सिवनी विधानसभा में कुछ कम असर है. यहां एक बार फिर से बीजेपी और कांग्रेस में टक्कर देखने को मिल सकती है.
सिवनी विधानसभा क्षेत्र में मुख्य रूप से कृषि कार्य होता है. साथ ही यहां गेहूं और मक्के की खेती बड़ी मात्रा में होती है. सिवनी जिले मोगली लैंड के नाम से भी जाना जाता है. सिवनी विधानसभा का मठ मंदिर यहां का सबसे प्राचीन और मान्यता वाला मंदिर है. सिवनी शहर को छोड़ दिया जाए तो विधानसभा का अधिकांश क्षेत्र ग्रामीण अंचल से ही गुजरता है. इस बात को बीजेपी विधायक भली-भांति समझते हैं और बीच-बीच में जन चौपालों का आयोजन करते रहते हैं.
मतदाताओं की संख्या
कुल- 248020
पुरुष- 126975
महिला-121039
जातीय समीकरण
आदिवासी समाज के 65 हजार वोटर हैं.
कुर्मी समाज के लगभग 40 हजार मतदाता हैं.
बागरी समाज के 28 हज़ार वोटर हैं.
मुस्लिम समाज के 21 हजार वोटर है.
अनुसूचित जाति के 30 हजार वोटर है.
चुनावी इतिहास
2018 चुनाव- विजेता दिनेश राय मुनमुन (भाजपा)- 99,576 वोट मिले थे.
मोहन सिंह चंदेल (कांग्रेस) को 77,568 वोट मिले थे.
जीत का अंतर- 22,008 वोट
2013 का चुनाव
विजेता : दिनेश राय मुनमुन (निर्दलीय) – 65,402 वोट
मुख्य प्रतिद्वंदी: नरेश दिवाकर (भाजपा) – 44,486 वोट
2008 का चुनाव
विजेता- नीता पटेरिया (भाजपा) – 41,928 वोट
मुख्य प्रतिद्वंदी: दिनेश राय मुनमुन (निर्दलीय)- 29,444 वोट
2003 का चुनाव
विजेता : नरेश दिवाकर (भाजपा) – 53,312 वोट
मुख्य प्रतिद्वंदी: राज कुमार (पप्पू) खुराना (कांग्रेस) – 37,958 वोट
1998 का चुनाव
विजेता: बीजेपी के नरेश दिवाकर- 32085 वोट मिले
कांग्रेस के आशुतोष वर्मा- 25570 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे
विधायक के वादे
- जिले में मेडिकल कॉलेज (वर्तमान स्थिति- मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग बन रही है, उद्घाटन बाकी है)
- वादा नंबर-2 पेंच नहर का काम (वर्तमान स्थिति जिले में पेंच नहर का काम हो गया है. कहीं-कहीं नहर के चौड़ीकरण को लेकर सवाल उठे हैं)
- वादा नंबर-3 शहर के दलसागर तालाब का सौंदर्यकरण और पैदल ब्रिज (वर्तमान स्थिति- सौंदर्यकरण और पैदल ब्रिज के निर्माण का कार्य जारी है)
- वादा नंबर- 4 जिले में कृषि महाविद्यालय खोलना (वर्तमान स्थिति- यह वादा अब तक पूरा नहीं हो सका)
- वादा नंबर- 5 इंजीनियरिंग कॉलेज (वर्तमान स्थिति- इंजीनियरिंग कॉलेज भी नहीं बन पाया है)
बरहाल सिवनी विधानसभा से हमने अपने खास कार्यक्रम के जरिए जनता का मन टटोलने की कोशिश की कुछ लोग मूड बना चुके हैं किसे चुनना है तो कुछ लोग अभी मूड बना रहे हैं, किसे वोट देना है बहरहाल देखने वाली बात होगी कि सिवनी की सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है.
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