हेमंत शर्मा, धार। मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 से 2023 के इस कार्यकाल का साढ़े चार साल बीत चुका है। साल खत्म होते-होते जनता फिर अपनी सरकार चुनेगी. यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है। एमपी की 230 विधानसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है, कौन सा विधायक कितने पानी में है ? इन सभी का जवाब अब विधायक जी का रिपोर्ट कार्ड (vidhayak ji ka Report Card) देगा. लल्लूराम डॉट कॉम आपको सूबे के सभी विधायकों की परफॉमेंस और उनके क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों के बारे में बताने जा रहा है। विधायक जी का Report Card में आज बात धार विधानसभा सीट की.

विधायक जी का Report Card: नीमच विधानसभा सीट पर 2003 से BJP काबिज, बंगला बगीचा, रोजगार-स्वास्थ्य की समस्या, इस बार के चुनाव में क्या है जनता की राय

धार विधानसभा का इतिहास

धार विधानसभा के 40 साल के इतिहास को देखा जाए तो यहां पर कांग्रेस 3 बार ही चुनाव जीत पाई है. हालांकि यहां पर पिछले चुनाव में दिलचस्प हालात बने थे 1 बार विधायक नीना वर्मा का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया गया था. यहां पर पिछले तीन बार से भारतीय जनता पार्टी सत्ता पर काबीज है. वही कांग्रेस को इस बार भी कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा, हालांकि इस बार धार विधायक नीना वर्मा को टिकट मिलता है या नहीं यह भविष्य की गर्त में छुपा है. वैसे यहां का रिकार्ड उठा कर देखें तो धार विधानसभा भारतीय जनता पार्टी की परंपरागत सीट है.

विधायक जी का Report Card: खरगोन विधायक रवि जोशी को लेकर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया, MLA के काम से कुछ संतुष्ट तो कुछ असंतुष्ट

राजा भोज की नगरी धार में तीन बार से भारतीय जनता पार्टी की विधायक नीना वर्मा विजय हासिल कर चुकी है. वही एक बार नीना वर्मा 1 वोट से विधायक चुनी गई थी किंतु कोर्ट में मामला जाने के बाद बालमुकुंद सिंह गौतम को जो कि कांग्रेस के प्रत्याशी थे उन्हें विजय घोषित किया गया. इस क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज नेता विक्रम वर्मा का दबदबा है.ऐतिहासिक दृष्टि से मध्य प्रदेश का यह एक महत्वपूर्ण शहर है. यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है, जिसमें कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह ,मोहन सिंह बुंदेला और करण सिंह पवार विधायक रह चुके है. बाकी चुनाव में यहां पर भाजपा के प्रत्याशी ने यहां से चुनावी जीत दर्ज की है.

विधायक जी का Report Card: आष्टा विधानसभा सीट पर भाजपा की डबल हैट्रिक, इनके हाथ सत्ता की चाबी का रास्ता, कई समस्याओं से जूझ रही जनता, जानिए क्या कहता हैं जातिगत समीकरण ?

जातीय समीकरण

विधानसभा में किसी भी जाति धर्म का दबदबा नहीं रहा है. राजपूत, राठौर, माली ,मराठा, ब्राह्मण और पाटीदार समाज के साथ मुस्लिम वर्ग के मतदाता भी यहां पर बड़ी संख्या में है जो चुनाव नतीजों को प्रभावित करते हैं.

मतदाताओं की संख्या

कुल- 248706
पुरुष- 129861
महिला- 118837
थर्ड जेंडर- 10

चुनावी इतिहास

यहां से फिलहाल पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की पत्नी धार विधायक नीना वर्मा विधायक है. वह चार बार चुनाव लड़ चुकी हैं जिसमें से तीन बार उन्होंने जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह ,मोहन सिंह बुंदेला और करण सिंह पवार विधायक रह चुके है.

2018 का चुनाव

विजेता: नीना विक्रम वर्मा (भाजपा) – 93,180
मुख्य प्रतिद्वंदी: प्रभा बालमुकुंदसिंह गौतम (कांग्रेस)- 87,462

2013 का चुनाव

विजेता: नीना विक्रम वर्मा (बीजेपी)- 85,624
मुख्य प्रतिद्वंदी: बालमुकुंद सिंह गौतम (कांग्रेस)- 74,142

विधायक के वादे और समस्याएं

  • नर्मदा लिंक परियोजना लाने का वादा किया गया है हालांकि यह वादा पिछले दो बार से किया जाता रहा है लेकिन अभी तक नर्मदा लिंक परियोजना धार नहीं पहुंची है.
  • यहां पर मेडिकल इंजीनियरिंग कृषि कॉलेज जैसे उच्च संस्थानों की कमी है. हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मेडिकल कॉलेज लाने की घोषणा धार में कर चुके हैं और कैबिनेट की बैठक में फैसला भी हो चुका है.
  • रेलवे लाइन का मुद्दा यहां पर बना रहता है. फिलहाल 2024 तक रेल लाइन लाने का वादा किया जा रहा है.
  • यहां पर धार के जिला अस्पताल को लगातार एडवांस किए जाने का दावा किया जाता रहा है.
  • स्थानीय लोगों के रोजगार का मुद्दा यहां पर बना रहता है.
  • पीथमपुर जैसा औद्योगिक क्षेत्र होने पर भी स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता पीथमपुर क्षेत्र का फायदा धार विधानसभा को नही मिलते हुए इंदौर को मिलता है.
  • जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर बनाया गया है, लेकिन जिला अस्पताल में नाम की सुविधा है जिससे लोगो को इंदौर रेफर करना पड़ता है.

विधायक जी का Report Card: इछावर विधानसभा का मिथक कोई नहीं तोड़ सका, सात बार के MLA का किला भी नहीं भेद पाई कांग्रेस

बहरहाल धार विधानसभा से हमने अपने खास कार्यक्रम के जरिए जनता का मन टटोलने की कोशिश की तो कई लोग विधायक से नाराज नजर आए और कुछ लोग विधायक के कामों से खुश दिखे. हालांकि विधायक को लेकर आम जनता से मिला-जुला रुझान सामने आया है. कुछ लोगों का कहना है विधायक लोगों के बीच मिलने जुलने नहीं पहुंचती हैं और कुछ लोगों ने कहा कि विधायक ने 2018 विधानसभा चुनाव में जो वादे किए थे उन्हें पूरा कर दिया है. अब देखने वाली बात होगी कि आगामी चुनाव में धार की सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus