गोरखपुर. जिले के प्रतिष्ठित मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपने पीएचडी प्रवेश अध्यादेश में बदलाव करने जा रहा है. जानकारी के अनुसार परिवर्तन के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के मुताबिक बीटेक विद्यार्थियों को पीएचडी करने के लिए एमटेक करने की बाध्यता नहीं होगी. वह सीधे पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे.
जानकारी के मुताबिक, बीटेक करके सीधे पीएचडी का अवसर केवल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ही नहीं दिया जाएगा. इसका लाभ देश के सभी तकनीकी विश्वविद्यालय और संस्थान के विद्यार्थी उठा सकेंगे. बता दें कि विश्वविद्यालय के औपचारिक शोधार्थी के रूप में प्रवेश परीक्षा पास करके पंजीकृत कर अपनी शोध-अनुसंधान प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेंगे. लेकिन यह अवसर उन्हीं बीटेक विद्यार्थियों को मिलेगा, जिन्होंने 75 प्रतिशत अंक के साथ बीटेक पूरा किया हो.
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गौरतलब है कि इसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी. बीटेक में 75 प्रतिशत अंक पाने की अर्हता उनपर भी लागू होगी. इतना नहीं विश्वविद्यालय ने अधिक से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को शोध-अनुसंधान से जोड़ने के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित करने का निर्णय लिया है. अब तक यह परीक्षा वर्ष में केवल एक बार आयोजित होती है. इसके चलते शोधछात्र बनने के इच्छुक विद्यार्थियों को प्रवेश से एक बार चूकने के बाद वर्ष भर इंतजार करना पड़ता है.