हॉन्ग कॉन्ग की एक बड़ी कंपनी को करीब 200 करोड़ रुपये का चूना लगा है. सुनकर चौंक गए न? दरअसल, कंपनी के एक कर्मचारी को धोखा देने के लिए जालसाजों ने बहुत ही चालाक तरीका अपनाया. उन्होंने एक नकली वीडियो कॉल बनाई, जिसमें कंपनी के बड़े अधिकारी और साथी कर्मचारी नजर आ रहे थे. असल में वो सब नकली थे, उन्हें कंप्यूटर ग्राफिक्स की मदद से बनाया गया था. इसी कॉल के दौरान जालसाजों ने कंपनी के कर्मचारी को बरगलाकर उससे करोड़ों रुपये ट्रांसफर करवा लिए. ये एक नया तरह का धोखा है, जिसे “डीपफेक स्कैम” कहा जाता है.
Deepfake: ऐसे दिया घटना को अंजाम
साइबर क्रिमिनल्स ने काफी दिमाग लगाकर इस घटना को अंजाम दिया है. उन्होंने ऑनलाइन मौजूद कंपनी के कर्मचारियों की ऑडियो और वीडियो फुटेज को डीपफेक के जरिए बदल दिया. यहां तक कि कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) को भी क्लोन करके डीपफेक वर्जन तैयार कर लिया.
वीडियो कॉल में नकली कर्मचारी थे मौजूद
पुलिस ने बताया कि अभी तक ज्यादातर केस सिर्फ किसी एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी के होते हैं. पहली बार पूरी कंपनी को निशाना बनाया गया है. इस कंपनी का सीएफओ ब्रिटेन में था. कर्मचारी ने पुलिस को बताया कि पैसों की मांग के लिए एक ईमेल जनवरी में आया था. उसने इस पर ध्यान नहीं दिया. फिर यह डीपफेक वीडियो कॉल की गई. इसमें उसे लगा कि सीएफओ समेत सभी कर्मचारी असली हैं. वह इनमें से कई को जानता था. इसलिए वह झांसे में आ गया और पैसे ट्रांसफर कर दिए.
अलग-अलग अकाउंट में करवाया ट्रांजेक्शन
हॉन्गकॉन्ग में हुई इस ठगी में ब्रांच के फाइंसेस डिपार्टमेंट ने पुलिस को जानकारी दी थी. पुलिस की मानें, तो स्कैम का शिकार हुए कर्मचारी ने कॉल के दौरान दी गई जानकारी को फॉलो किया है. उसने 5 अलग-अलग बैंक अकाउंट में 15 ट्रांजेक्शन करके 20 करोड़ हॉन्ग कॉन्ग डॉलर (2,12,39,40,000) ट्रांसफर किए थे.
कर्मचारी ने जब इस बारे में कंपनी के हेडवार्टर पर पता किया, तब उसे पता चला कि ये एक स्कैम है. भारत में डीपफेक पर चर्चा उस वक्त शुरू हुई थी, जब रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो सामने आया था. वहीं पॉप स्टार टेलर स्विफ्ट की भी एक डीपफेक तस्वीर काफी ज्यादा वायरल हो चुकी है. इसके बाद से ही दुनियाभर में डीपफेक को लेकर कड़े कानून बनाने की मांग हो रही है.
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