महात्मा गांधी नेशनल रुरल इम्प्लायमेंट गारंटी एक्ट (मनरेगा) योजना में गड़बड़ियों के लेकर रोजाना खुलासे हो रहे हैं. अब इसम मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जिसमें पूर्व पीएम राजीव गांधी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी यशोदा बेन को भी इसकी मजदूरी दी गई है.
2018 में झारखंड के गिरिडीह के बेंगाबाद में बतौर मेट उक्ती चारों वीआईपी ने काम किया है, जिसका भुगतान उन्हें किया गया है. वहीं यशोदा बेन ने मजदूरी की है. सरकारी दस्तावेज के अनुसार इन्होंने मेहनताना भी लिया है. एक आरटीआई से हुए खुलासे में दावा कर आरोप लगाया गया है कि झारखंड में करीब 25 करोड़ रुपए का मनरेगा घोटाला हुआ है.
आरटीआई से मांगी थी ये जानकारी
पूरे मामले का खुलासा करने वाले एक अधिवक्ता ने आरटीआई के तहत बेंगाबाद प्रखंड के फुरसोडीह, बेंगाबाद, रातडीह, दामोदरडीह, हाडोडीह, मानसिंहडीह, रंगाखरियो, करमाटांड़, मंगरोडीह, किसनीचक, चौधरीडीह, मंझलाडीह गांवों में हुए कार्यों की जानकारी मांगी थी.
इस पर 14 मार्च 2019 को बेंगाबाद के तत्कालीन बीडीओ ने 207 पेज की सत्यापित कॉपी उपलब्ध कराई थी. इसके आधार पर 1.09 लाख की लागत से हाड़ोडीह गांव में नरेश दास को मुर्गी पालन शेड का कार्यादेश मिला था. कागजों पर इस काम में प्रियंका गांधी वाड्रा को मेट नियुक्त किया गया, जिन्होंने 15 दिन काम किया.
इसी तरह हाड़ोडीह गांव में कूप निर्माण में स्व. राजीव गांधी को मेट नियुक्त कर दिया. घोटालेबाजों ने राहुल गांधी और यशोदा बेन जैसी शख्सियत को नहीं बख्शा है. यशोदा बेन को प्रा. कन्या विद्यालय बेंगाबाद (पूर्वी) में आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण के लिए काम करना बताया गया है. जबकि राहुल गांधी को प्रा. विद्यालय हाड़ोडीह बेंगाबाद में शेड निर्माण में मेट नियुक्त कर कार्यादेश दिया गया है.