फैसलाबाद, (पाकिस्तान)। इस्लामिक राष्ट्र से कट्टर इस्लामिक राष्ट्र की ओर अग्रसर पाकिस्तान में ईशनिंदा (blasphemy) पर उग्र भीड़ ने पंजाब प्रांत के फैसलाबाद जिले में एक चर्च में तोड़-फोड़ करने के बाद उसे आग के हवाले कर दिया. घटना की जानकारी देते हुए लाहौर के बिशप आज़ाद मार्शल ने न्याय दिलाने के साथ हमला करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है.

बिशप आजाद मार्शल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर किए पोस्ट में कहा कि यह लिखते समय मेरे पास शब्द नहीं हैं. हम, बिशप, पुजारी और आम लोग पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले में जरनवाला घटना पर बहुत दुखी और व्यथित हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही मैं यह संदेश टाइप कर रहा हूं, एक चर्च की इमारत को जलाया जा रहा है. बाइबिल का अपमान किया गया है, और ईसाइयों पर पवित्र कुरान का उल्लंघन करने का झूठा आरोप लगाते हुए उन्हें प्रताड़ित किया गया है.

बिशप मार्शल ने कहा कि वह न्याय दिलाए जाने के साथ उन पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं. उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा की मांग करते हुए आश्वस्त करने को कहा कि उनकी अपनी मातृभूमि में उनका जीवन मूल्यवान है, जिसने अभी-अभी स्वतंत्रता और आजादी का जश्न मनाया है.

बता दें कि पाकिस्तान की स्थापना 1947 में एक सहिष्णु और समतावादी देश बनाने के इरादे से की गई थी, लेकिन धार्मिक समुदायों को भेदभाव का सामना करना पड़ता रहा है. पिछले महीने ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान के अध्यक्ष नवीद वाल्टर ने कहा था कि 1947 में आजादी के बाद से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 फीसदी से घटकर 3 फीसदी रह गई है.