Mobikwik App Fraud Transaction Case: हरियाणा की गुरुग्राम बेस्ड डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक की एक चूक की वजह से उसके हजारों यूजर्स रातों-रात हजारों लखपति बन गए। मोबिक्विक के यूजर्स ने कंपनी के खाते से 40 करोड़ रुपए निकाल लिए। अकेले नूंह जिले में मोबिक्विक के यूजर्स ने 30 करोड़ रुपये निकाल लिए। बाकी 10 करोड़ रुपए गुरुग्राम और पलवल जिले में गए। कंपनी के 12 सितंबर को हुए इंटरनल ऑडिट में यह मामला पकड़ में आया। इसके बाद कंपनी में कोहराम मच गया।

‘मोबिक्विक एप’ के हजारों यूजर्स

अब कंपनी अपने पैसे वापस लेने के लिए रिकवरी कैंप लगा रही है।इस मामले में कंपनी की शिकायत पर गुरुग्राम के सेक्टर-53 की पुलिस ने नूंह के 5 और पलवल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। ये सभी कंपनी एप यूजर्स हैं। कंपनी अब तक करीब 2500 खाते फ्रीज कर चुकी है। इनमें से ज्यादातर व्यापारी और दुकानदारों के खाते हैं। जिन लोगों ने वॉलेट से पैसे निकाले हैं, उनको एक मौका दिया है। रकम न लौटाने पर FIR दर्ज कराई जाएगी।

12 सितंबर को इंटरनल ऑडिट में गड़बड़ी पकड़ी

कंपनी के 12 सितंबर को हुए इंटरनल ऑडिट में यह मामला पकड़ में आया। खासकर इस वजह से कि हरियाणा के एक लिमिटेड एरिया में काफी ट्रांजैक्शन हुए थे। इसके तुरंत बाद कंपनी ने सिक्योरिटी के इंतजाम शुरू किए। उन खातों का रिकॉर्ड निकाला गया, जिनमें ट्रांजैक्शन हुए या पैसे निकाले गए। अपडेट के दौरान हुई उस ग्लिच को भी ठीक किया गया, जिसका फायदा कुछ लोगों ने उठाया। कंपनी ने 13 सितंबर को गुरुग्राम पुलिस से शिकायत की।

अभी तक 6 गिरफ्तार, खातों में 8 करोड़ फ्रीज कराए

गुरुग्राम पुलिस प्रवक्ता अशोक कुमार के मुताबिक अभी 6 गिरफ्तारियां हुई हैं। इनमें मेवात के गांव रेवासन का रेहान, गांव कामेडा का वकार यूनुस, गांव मरोड़ा का वकीम अकरम, कामेड़ा के मोहम्मद आमिर व मोहम्मद अंसार और पलवल के उटावड़ थाना क्षेत्र का मोहम्मद शकील शामिल हैं। ढाई हजार खाते फ्रीज कराए गए हैं, इनमें 8 करोड़ की रकम है। अभी जांच चल रही है। अगर इस गड़बड़ी में मोबिक्विक कंपनी का कोई कर्मचारी शामिल पाया जाता है, तो उस पर भी कार्रवाई होगी। नूंह के ही 6 हजार खाते संदेह के घेरे में हैं।

कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को लिखा-कंपनी के कर्मी की मिलीभगत नहीं

इस वित्तीय अनियमितता पर मोबिक्विक कंपनी को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को भी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी है। सेबी शेयर बाजार और वित्तीय बाजारों की निगरानी और नियंत्रण करती है। सेबी को भेजी 2 पेज की सूचना में कंपनी ने दावा किया कि इस मामले में कंपनी के किसी कर्मचारी की कोई मिलीभगत नहीं है।

साइबर फ्रॉड का भी अंदेशा…क्योंकि अकेले नूंह में ही 30 करोड़ आए

मोबिक्विक एप के जरिए हुए 40 करोड रुपए के अवैध ट्रांजैक्शन में से अकेले नूंह में ही 30 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। बाकी 10 करोड़ रुपए गुरुग्राम और पलवल जिले में गए। इस जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में साइबर फ्रॉड के अंदेशे या कंपनी कर्मियों की मिलीभगत से भी पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता। इस एंगल से भी जांच हो रही है। इसके पीछे एक बड़ी वजह ये भी हो सकती है कि नूंह के करीब 80 फीसदी दुकानदार-व्यापारी मोबिक्विक एप का इस्तेमाल करते हैं।

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