देश से मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट पिछले फाइनेंशियल ईयर में बढ़कर 11.12 अरब डॉलर (लगभग 90,000 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है. इस एक्सपोर्ट में iPhone बनाने वाली Apple की हिस्सेदारी लगभग आधी है. इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर में मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट लगभग 45,000 करोड़ रुपये का था. इस परिप्रेक्ष्य में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि देश मोबाइल उपकरण के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की ओर अग्रसर है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इवेंट में कहा कहा, ‘‘स्मार्टफोन का एक्‍सपर्ट डबल होकर 11 अरब डॉलर से ज्‍यादा हो गया है और इसके साथ भारत दुनिया के मोबाइल उपकरण बाजार में नेतृत्व करने और भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में बड़ी भूमिका निभाने की दिशा में बढ़ रहा है. यह प्रधानमंत्री मोदीजी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की बड़ी सफलता है.’’ ICEA के मुताबिक, भारत से मोबाइल फोन एक्‍सपोर्ट वित्त वर्ष 2021-22 में 45,000 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2022-23 में दोगुना 90,000 करोड़ रुपये को पार कर गया.

मिल रहे रोजगार के नए मौके

कुल इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट में मोबाइल की हिस्सेदारी 46 फीसद है. इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक ऐपल के मेड इन इंडिया iPhone का एक्सपोर्ट करीब 50 फीसद के आंकड़े को पार कर जाएगा. सैमसंग फोन की 36,000 करोड़ रुपये के फोन के निर्यात के साथ लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कुल निर्यात में अन्य कंपनियों के मोबाइल फोन की हिस्सेदारी लगभग 1.1 अरब डॉलर रही. बता दें कि जब किसी देश में बने प्रोडक्ट की डिमांड दुनिया के दूसरे बाजार में बढ़ती है तो यह उस देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत माने जाते हैं. भारत के लिए यह अच्छी खबर है. इससे आम जनता को भी रोजगार के नए मौके मिल रहे हैं.

इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में बढ़ोतरी पर पंकज महेंद्रू ने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में भी लगातार वृद्धि हो रही है और अब यह 58 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,85,000 करोड़ रुपये तक हो गया है, जबकि हमने 75,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था.”

स्मार्टफोन बाजार से जुड़े सूत्रों का दावा करते हैं, अमेरिकी कंपनी एप्पल ने 45,000 करोड़ रुपये (USD 5.5 billion) के आईफोन का निर्यात किया है जो देश के कुल निर्यात में करीब आधी हिस्सेदारी है. एप्पल के बाद सैमसंग फोन का नंबर है.