राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो गई है, 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इसके साथ ही दिल्ली में आदर्श आचार्य सहिंता लागू हो गई है. इस दौरान चुनाव आयोग एक तरह से नियंत्रण में आ जाएगा, मतदान के बाद चुनावों की गिनती होगी, और आचार सहिंता लागू होने के बाद नियम लागू होंगे. आइए जानते हैं कि क्या बदलाव होते हैं और कौन से नियम लागू होते हैं.

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क्या होती है आदर्श आचार सहिंता

भारत निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को सुनिश्चित करने के लिए आचार सहिंता नामक नियम बनाए हैं जो राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को मार्गदर्शन देते हैं. ये नियम सभाओं, जुलूसों, मतदान के दिनों, ऑब्जर्वरों, बूथ से जुड़े लोगों और सत्ताधारी दल के लिए भी लागू हैं.

नियम तोड़ने पर सख्त एक्शन

चुनाव आयोग नियमों के अनुसार कार्रवाई कर सकता है अगर कोई राजनीतिक दल या उम्मीदवार चुनाव नियमों को तोड़ने पर दोषी पाया जाता है; ऐसा होने पर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से भी बैन किया जा सकता है, अगर आवश्यक हो तो उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है, और दोषी पाए जाने पर जेल की सजा भी हो सकती है.

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क्या-क्या बदलाव होते हैं

1. दल और उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेंगे जो जातियों और समुदायों (भाषाई और धार्मिक रूप से भी) के बीच घृणा, मतभेद या तनाव पैदा करे.

2. राजनैतिक दलों की आलोचना के दौरान किसी भी उम्मीदवार की निजी जिंदगी में कोई दखल नहीं दिया जाएगा; इसके बजाय, सार्वजनिक गतिविधियों, उसके पिछले रिकॉर्ड और उसके काम की आलोचना की जाएगी.

3. वोट हासिल करने के लिए जाति या संप्रदाय की भावनाओं पर कोई अपील नहीं की जाएगी; मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों और पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाएगा.

4. उम्मीदवार मतदाताओं को डराने-धमकाने या लालच देने, अपराध करने, घूस लेने या भ्रष्टाचार करने से बचेंगे.

5. आचार सहिंता लागू होने के बाद कोई सरकारी घोषणा, योजना, परियोजना का लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन नहीं हो सकता.

6. कोई भी पार्टी या उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ी, विमान या बंगले का इस्तेमाल नहीं करेगा.

7. पार्टी, उम्मीदवार या उनके समर्थकों को रैली या यात्रा करने के लिए पुलिस से अनुमति लेनी चाहिए; बिना अनुमति ऐसा नहीं किया जा सकता.